गैंगस्टर की फाइल रोक अधिकारियों ने ली घूस

Youth India Times
By -
0

एडीएम की जांच में पुष्टि, कड़ी कार्रवाई की सिफारिश
गोरखपुर। गोरखपुर के प्रभारी संयुक्त निदेशक अभियोजन अशोक वर्मा और ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी रणविजय द्वारा घूस लेने की पुष्टि एडीएम सिटी विनीत सिंह की जांच में हो गई है। इस मामले में जिलाधिकारी ने अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी को रिपोर्ट भेजकर मामले में कड़ी कार्रवाई की सिफारिश की है।
बदमाश कपिलमुनि यादव की गैंगस्टर से जुड़ी फाइल पर पहले आपत्ति लगाने, फिर केस आगे बढ़ाने के लिए गोरखपुर के प्रभारी संयुक्त निदेशक अभियोजन अशोक वर्मा और ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी रणविजय ने घूस ली। इसकी पुष्टि एडीएम सिटी विनीत सिंह की जांच में हो गई है। एडीएम सिटी ने रिपोर्ट बनाकर जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश को भेज दी। अब जिलाधिकारी ने अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी को रिपोर्ट भेजकर मामले में कड़ी कार्रवाई की सिफारिश की है।
जानकारी के मुताबिक, सपा नेता व बदमाश कपिलमुनि यादव पर कई केस दर्ज हैं। इसका हवाला देते हुए ही रामगढ़ताल पुलिस ने बदमाश के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई करने की सिफारिश की। जिला व पुलिस प्रशासन स्तर से कुछ औपचारिकता भी पूरी हुई, लेकिन प्रभारी सहायक अभियोजन अधिकारी अशोक वर्मा और ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी ने आपत्ति लगाकर फाइल वापस कर दी।
आरोप है कि बदमाश ने मामले की पैरवी कर रहे एक व्यक्ति को धमकी भी दी। व्यक्ति ने कार्रवाई की मांग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसी का नतीजा रहा कि संबंधित ने दोनों अफसरों का स्टिंग ऑपरेशन कर लिया। सूत्रों के मुताबिक, जिस व्यक्ति ने स्टिंग ऑपरेशन किया है, उसने गैंगस्टर की एक सूची भी प्राप्त की है।
आरोप है कि बड़े बदमाशों को गैंगस्टर से बचाने का बड़ा खेल चल रहा है। आपत्ति लगाकर फाइल वापस की जा रही है। ऐसे कई मामलों में सहायक अभियोजन अधिकारी व ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी पहले भी आपत्ति लगा चुके हैं। स्टिंग से साफ हो गया कि गैंगस्टर के मामलों में आपत्ति लगाकर घूस लिया जाता है।
अविरल सिंह नामक व्यक्ति ने घूसखोरी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी, डीएम गोरखपुर, यूपी पुलिस और गोरखपुर पुलिस को वीडियो टैग करते हुए अविरल ने लिखा कि गैंगस्टर के मामलों में घूस लिया जा रहा है। गोरखपुर में प्रभारी संयुक्त निदेशक अशोक वर्मा तथा ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी रणविजय ने अपराधियों को बचाने के लिए घूस लिया।
वायरल वीडियो में संयुक्त निदेशक अभियोजन के साथ एक वर्दीधारी भी दिख रहा है। वह कह रहा है कि गैंगस्टर लगाने के नियम बहुत बदल गए। साहब को सलाम करते रहिए, सब हो जाएगा। इससे पहले एक व्यक्ति गैंगस्टर के मामले को आगे बढ़ाने की बात करता है। वह कहता है कि फाइल पर आपत्ति लगा दी। पहले भी एक फाइल पर आपत्ति लगी थी, लेकिन उसे दूर कराया था। इसके बाद व्यक्ति रुपये संयुक्त निदेशक अभियोजन को पकड़ाता है। संयुक्त निदेशक रुपये लेते हैं, फिर पूछते हैं कि विवेचक कौन है? फाइल मेरे टेबल तक पहुंचवा दीजिए, सब हो जाएगा।
रामगढ़ताल पुलिस ने कपिलमुनि यादव को जिला बदर कर दिया है। साथ ही उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले ही थाना पुलिस पे ने गैंगस्टर की कार्रवाई की सिफारिश की थी, लेकिन आपत्ति लगाकर फाइल वापस कर दी गई। बार-बार आपत्ति लगने पर पुलिस ने भी हैरानी जताई, लेकिन इसके पीछे का मकसद अब खुलकर सामने आ सका।
डीएम गोरखपुर कृष्णा करुणेश ने बताया कि वायरल वीडियो की जांच एडीएम सिटी से कराई गई। एडीएम सिटी ने जांच करके रविवार देर शाम रिपोर्ट उपलब्ध करा दी। जांच रिपोर्ट के मुताबिक, प्रथम दृष्टया आरोप सही पाए गए हैं। वीडियो कब का है, यह जांच का विषय है। वीडियो में संयुक्त निदेशक अशोक वर्मा व अभियोजन अधिकारी रणविजय धनराशि लेते दिख रहे हैं। आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए गृह विभाग उत्तर प्रदेश शासन को पत्र भेजा गया है। गृह विभाग से ही कार्रवाई होनी है।

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)