आजमगढ़। जिले में चल रही ईसीसीई एजुकेटर भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं के आरोप लगते ही मंडलायुक्त विवेक ने सख्त कार्रवाई की। कई अभ्यर्थियों ने मंडलायुक्त से शिकायत की कि बीएसए ने शासनादेश का उल्लंघन करते हुए रेंडम सूची के आधार पर चयन किया। मंडलायुक्त ने बीएसए को तलब कर रेंडम सूची का आधार पूछा, लेकिन बीएसए शासनादेश में रेंडम चयन का कोई प्रावधान नहीं दिखा सके। नाराजगी जताते हुए मंडलायुक्त ने भर्ती पर रोक लगा दी और मौजूदा सूची निरस्त कर दी। उन्होंने निर्देश दिए कि 15 हजार से अधिक प्राप्त आवेदनों का अभिलेख सत्यापन कर अवरोही क्रम (मेरिट) के आधार पर नई फाइनल सूची जारी की जाए। चयन प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और शासनादेश के अनुरूप होनी चाहिए। शिकायतकर्ताओं में ग्राम सैदपुर निवासी पूनम यादव, शिखा सिंह, ममता सिंह, नीलम यादव, वंदना यादव, नीतू यादव, अंजू यादव और रिया सिंह शामिल हैं। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि बीएसए कार्यालय ने कम मेरिट वालों का चयन कर उनके अभिलेख सत्यापन कराया, जबकि उच्च मेरिट वालों को बाहर कर दिया।
वायरल ऑडियो में कमिटमेंट और डी-सेलेक्शन का जिक्र, बीएसए बोले- निर्देश का इंतजार
सोशल मीडिया पर एक ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक व्यक्ति खुद को बीएसए के एजेंट और दूसरा भर्ती एजेंसी का प्रतिनिधि बता रहा है। बातचीत में एजेंट कहता है कि टेंडर प्रक्रिया में चयन के लिए की गई कमिटमेंट पूरी करें। जवाब में दूसरा व्यक्ति कहता है कि कमिटमेंट तो पूरी की, लेकिन भर्ती निरस्त हो जाएगी और अब भगवान भरोसे। एजेंट ने आरोप लगाया कि डी-सेलेक्ट होने के बाद भी सेलेक्ट किया गया, फिर भी कमिटमेंट नहीं मान रहे। बीएसए राजीव कुमार पाठक ने कहा, "एजुकेटर भर्ती को लेकर मंडलायुक्त से शिकायत हुई थी, इसलिए हमें बुलाया गया। भर्ती पर रोक है, आगे क्या होगा, इसके स्पष्ट निर्देश नहीं मिले।"


