पूर्वांचल की सियासत का बदला रंग भगवा से हुआ लाल

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सपा ने 13 में से 10 सीटें जीतीं, दिग्गजों को भी देखना पड़ा हार का मुंह


वाराणसी। पूर्वांचल के राजनीति नक्शे का रंग मंगलवार को बदल गया। 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद भगवा छाया था, जो बदलकर अब लाल हो गया। पूर्वांचल की 13 सीटों में से भाजपा ने दो पर जीत दर्ज की है। वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीत की हैट्रिक लगाई है। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय को चुनाव हराया है। इस बार के चुनाव में पीएम मोदी के जीत का अंतर कम हुआ है। प्रधानमंत्री ने वाराणसी से लगातार तीन बार चुनाव जीतने के शंकर प्रसाद जायसवाल के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है। देश के दूसरे ऐसे प्रधानमंत्री बन गए हैं, जो एक संसदीय सीट से तीसरी बार सांसद चुने गए। यह रिकॉर्ड अभी तक पंडित जवाहर लाल नेहरू के नाम था। वह फूलपुर से लगातार तीन बार सांसद चुने गए थे। भदोही से डॉ. विनोद कुमार बिंद को जीत मिली है। इसी तरह एनडीए में शामिल अपना दल एस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने मिर्जापुर सीट पर जीत हासिल की है। बाकी सभी 10 सीटों पर सपा प्रत्याशी जीते हैं। आजमगढ़ से सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव और लालगंज से दरोगा प्रसाद सरोज जीते हैं। वहीं, गाजीपुर में सपा के अफजाल अंसारी की जीत हुई। घोसी में राजीव राय को जीत मिली है। राय ने सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर को हराया है। इसी तरह बलिया में पहली बार कोई ब्राह्मण सांसद बना है। सपा के सनातन पांडेय ने पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे और राज्यसभा सदस्य नीरज शेखर को शिकस्त दी है। राबर्ट्सगंज सपा के छोटेलाल खरवार ने जीत हासिल की और जौनपुर में सपा टिकट पर बाबू सिंह कुशवाहा विजयी हुए हैं। मछलीशहर (सुरक्षित) सीट से सपा की युवा प्रत्याशी अधिवक्ता प्रिया सरोज ने जीत दर्ज की है। 25 वर्षीय प्रिया पहली बार चुनाव लड़कर जीती हैं। सलेमपुर से सपा के रमाशंकर राजभर जीते हैं। पूर्वांचल में केंद्रीय मंत्री महेंद्रनाथ पांडेय हैट्रिक नहीं लगा सके वह चंदौली से चुनाव हार गए। उन्हें सपा के बिरेंद्र सिंह ने मात दी है। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे भाजपा से राज्यसभा सांसद नीरज शेखर मैदान में और चुनाव हार गए। यहां नारद राय भी ऐन वक्त पर भाजपा में आए मगर पार्टी को उसका कोई फायदा नहीं मिला। भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ ने 2022 के उपचुनाव में सपा के धर्मेंद्र सिंह को चुनाव हराया था मगर इस चुनाव में वह सीट गंवा बैठे। गाजीपुर सीट पर भाजपा ने पारसनाथ राय को चुनावी मैदान में उतारा था। उन्हें पूर्व केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा का करीबी भी कहा जाता है मगर वह भी सीट गंवा बैठे।

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