आजमगढ़: धूमधाम से मना सेंट जेवियर्स हाईस्कूल का वार्षिकोत्सव

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बच्चे मिट्टी के घड़े के समान, जिस तरह का वातावरण-प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन मिलेगा, ये उसी तरह ढलेंगे-प्रशांत चन्द्रा
आजमगढ़। जिले के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान सेंट जेवियर्स हाई-स्कूल एलवल, आजमगढ़ के प्रांगण में 17 दिसम्बर को सायं 4.00 बजे से रात्रि 8.30 बजे तक वार्षिक समारोह के अवसर पर रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों के अंदर छिपी प्रतिभा एवं अभिव्यक्ति को प्रोत्साहित कर उनका बहुमुखी विकास करना रहा, जिसके माध्यम से लोगों ने ये महसूस किया कि अभिव्यक्ति की कोई सीमा नहीं होती। इसके लिए जितने तरीके व प्रयास किये जाएँ, कम हैं और यह किसी विशेष व्यक्ति स्थान तक सीमित नहीं होती। इसी को ध्यान में रखकर कार्यक्रम का शीर्षक अभिव्यक्ति दिया गया।
उक्त कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रो० प्रदीप कुमार शर्मा (कुलपति महाराजा सुहेलदेव राजकीय विश्वविद्यालय, आजमगगढ़), विशिष्ट अतिथि राहुल विश्वकर्मा (पी० सी० एस०, ए०डी० एम० प्रशासन आजमगढ़ ) एवं विद्यालय के प्रबंध निदेशक प्रशांत चन्द्रा आवासीय प्रबंधक प्रद्युम्न जायसवाल एवं अनिरुद्ध जायसवाल व विद्यालय के प्रधानाचार्य नीलेश श्रीवास्तव ने संयुक्त रूप से ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी माँ सरस्वती के प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
कार्यक्रम की अगली कड़ी में प्रबंध निदेशक प्रशांत चन्द्रा एवं विद्यालय प्रधानाचार्य ने मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि को पुष्प गुच्छ देकर उनका स्वागत एवं अभिनन्दन करते हुए आभार प्रकट किया। तत्पश्चात् छात्रों ने प्रथम पूज्य गणेशजी की वंदना और देवी स्तुति स्प्रिचुअल के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम का आगाज किया फिर आमंत्रित अतिथियों एवं सम्मानित अभिभावकों को महिमा मंडित करते हुए स्वागत गीत (पधारो म्हारो देश) प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में सेन्ट जेवियर्स किंडर गार्टेन के बच्चों द्वारा ग्रैण्ड पैरेंटस और वालीवुड सांग, नेचर और फारमर डांस क्लासिकल हार आदि की मनमोहक प्रस्तुति दी गई। वहीं जूनियिर व सीनियर विंग्स के बच्चों ने असमी फॉल्क डांस, गुजराती (डांडिया, गरबा, ढोलिदा) डांस, योगप्रदर्शन, क्लासिकल ग्रुप डांस, शैडो आर्ट्कव्वाली, स्पोर्ट्स म्युजिकल ड्रिल राजस्थानी फॉल्क, माइम एक्ट, पंजाबी डांस ओलम्पिक्स, लेज़ी डांस, पिरामिड की प्रस्तुति एवं राधा- कृष्ण डांस आदि के माध्यम से आगंतुको को भाव-विभोर करते हुए भारत भूमि की विविध संस्कृति, सभ्यता एवं लोकनृत्य के द्वारा विविधता में एकता की सफलतम् झाँकी प्रस्तुत की। जन कल्याण के दृष्टिगत सैंड आर्ट की प्रस्तुति के माध्यम से सेव गर्ल थीम को रेखांकित करते हुए समाज में फैली कुरीतियों का निवारण कर जनमानस में बेटियों की सुरक्षा के प्रति सकारात्मक भाव उत्पन्न करने का प्रयास किया।
उक्त सभी कार्यक्रमों में गरबा एवं डांडिया, पंजाबी नृत्य, पिरामिड की प्रस्तुति, सैंड आर्ट, शैडो आर्ट, क्लासिकल हार एवं ग्रैण्ड पैरेंट्स व वालीवुड सांग आदि मुख्यतः लोगों के आकर्षण का केन्द्र रहा। वहीं छोटे बच्चों द्वारा सामूहिक नृत्य की प्रस्तुति कार्यक्रम की शोभा को और बढ़ा रही थी। कार्यक्रम में छोटे-छोटे बच्चों द्वारा दी गई प्रस्तुति को देखकर विद्यालय प्रबंधक प्रशांत चन्द्रा अतिप्रसन्नचित मुद्रा में दिखे और उन्होने अपने संबोधन में समस्त विद्यालय परिवार एवं अभिभावकगण के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि इन बच्चों की अप्रतिम प्रस्तुति एवं छवि ने इस लोकोक्ति को एक बार पुनः प्रमाणित कर दिया कि ये बच्चे मिट्टी के घड़े के समान हैं। इन्हें जिस तरह का वातावरण-प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन मिलेगा, ये उसी तरह ढलेंगे। अतः हम सभी मिलकर इन्हें एक स्वस्थ समाजोपयोगी वातावरण देने हेतु सतत् प्रयासरत हैं। श्री चन्द्रा ने समस्त अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि आप सभी लोगों का इसी तरह स्नेह, सहयोग व आशीर्वाद मिलता रहा तो पूर्वांचल का आजमगढ़ जनपद भी सम्मानित व शिक्षित जनपदों की सर्वाेच्च सूची में शामिल होगा।
कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के प्रधानाचार्य नीलेश श्रीवास्तव ने सभी उपस्थित अतिथियों सम्मानित अभिभावकों एवं विद्यालय के यशस्वी अध्यापकों के प्रति दिल से आभार प्रकट करते हुए कृतज्ञता ज्ञापित किया तथा प्रतिभागी छात्र-छात्राओं को उनके इस उत्कृष्टतम् प्रदर्शन पर प्रोत्साहित करते हुए उन्हें अपना आशीर्वाद प्रदान किया। उन्होनें अपने संबोधन में कहा कि ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से बच्चों को बड़े मंचो हेतु तैयार करने में सफलता मिलती है। ऐसे अवसर बच्चों में छिपी प्रतिभा को निखारने और उनके सम्पूर्ण विकास हेतु सहायक होते हैं तथा उन्हें सफलता के उच्च शिखर पर पहुँचाने का माध्यम बनते हैं। इस प्रकार के कार्यक्रम हमारी एकता, अखंडता तथा सामाजिकता को बढ़ावा देते हुए हमें वसुधैव कुटुम्बकम का पाठ पढ़ाते है जो आज हमारे कार्यक्रम का विषय रहा। अतः हम भविष्य में भी अपने बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए सतत् प्रयासरत् रहेंगे।

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