आजमगढ़: अन्याय और अत्याचार के खिलाफ संघर्षों से ही प्राप्त होती है विजय-यशवंत सिंह

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ट्रस्ट परिसर में मनाई गई जयप्रकाश जी की जयंती

आजमगढ़। जब कोई हुकूमत तानाशाही की ओर चलती है तो ऐसे में लोकनायक जयप्रकाश नारायण के संघर्षों की याद आती है क्योंकि उन्होंने यह सिद्ध किया था कि किसी भी समय अन्याय और अत्याचार के खिलाफ संघर्ष से ही विजय प्राप्त की जा सकती है। उक्त बातें पूर्व मंत्री व विधान परिषद सदस्य यशवंत सिंह ने बुधवार को ट्रस्ट परिसर में लोकनायक जयप्रकाश जी की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में लोगों के बीच कहीं। उन्होंने कहा की आजादी की लड़ाई में पूरे हिंदुस्तान में जन-जन में जागरूकता पैदा करने के साथ-साथ समाजवादी विचारधारा की लहर जयप्रकाश नारायण ने ही पैदा की थी। जब देश में आपातकालीन स्थिति लागू करके सबको परेशान किया जा रहा था परन्तु इसके विरुद्ध कोई नेता कुछ बोलने का साहस नहीं कर पा रहा था ऐसे में जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में ही एक बड़ा आंदोलन आरंभ हुआ था तानाशाही हुकूमत के खिलाफ एक चट्टान की तरह खड़े होकर संघर्ष की बदौलत उन्होंने हुकूमत को घुटना देकने के लिए विवश कर अपने कुशल नेतृत्व का परिचय दिया था।
श्री सिंह ने कहा कि आज के परिवेश में भी जब भी कोई हुकूमत तानाशाही की ओर कदम बढ़ाती है तो उनकी याद आती है ऐसे महानायक के जीवन से देश के युवाओं को प्रेरणा लेकर समर्पित भाव से देश हित में कार्य करने का संकल्प लेना चाहिए, आज हम सभी श्री चंद्रशेखर जी स्मारक ट्रस्ट पर लोकनायक जयप्रकाश नारायण को श्रद्धांजलि देने के साथ-साथ उनके जीवन से प्रेरणा लेकर कार्य करने का संकल्प लेते हैं।
कार्यक्रम के आरंभ में एमएलसी यशवंत सिंह, सठियांव प्रमुख अरविंद सिंह, रमेश कन्नोजिया, उदय शंकर चौरसिया, अशोक पांडेय, सुनील सिंह बल्लू, लाल बहादुर सिंह लालू ने लोकनायक जयप्रकाश के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दिया। इसके अलावा सतीश सिंह, अजय सिंह, चंचल चौबे, अतुल चौबे, मंगरू सिंह, प्रशांत सिंह, बबलू राम, दुर्गा चौहान, राहुल पाल, शिक्षक नेता कमलेश राय सहित अन्य लोगों ने भी लोकनायक जयप्रकाश नारायण के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया और सभी लोगों ने जयप्रकाश नारायण अमर रहे, जब तक सूरज चांद रहेगा जयप्रकाश जी का नाम रहेगा का नारा बुलंद किया।

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