कौन हैं वो दो लड़कियां जिनसे एनआईए ने आठ घंटे की पूछताछ

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2023 की शुरूआत में ही अर्बन नक्सलियों की हलचल आई थी सामने 



वाराणसी। वाराणसी के महामानपुरी कॉलोनी स्थित एक घर में मंगलवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने छापा मारा। छापेमारी में एनआईए की टीम एक घर में घुसी और हां मौजूद एक छात्र संगठन से जुड़ी बीएचयू की दो छात्राओं से आठ घंटे पूछताछ की। उत्तर प्रदेश में नक्सल गतिविधियों से संबंधित जुड़े एक मामले में दोनों छात्राओं से पूछताछ हुई। राष्ट्रीय जांच एजेंसी की इस कार्रवाई से शहर में हड़कंप मच गया। सबके जहन में अब बस एक ही सवाल कौंध रहा है कि आखिर बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी का अर्बन नक्सल कनेक्शन क्या है और कौन हैं वो दो लड़कियां जिनसे एनआईए ने आठ घंटे पूछताछ की।
साल 2023 की शुरूआत में ही अर्बन नक्सलियों की हलचल सामने आई थी। तभी से बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) और महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ सहित पूर्वांचल के दो दर्जन महाविद्यालयों में अर्बन नक्सलियों ने अपनी पैठ गहरी कर ली थी। इन सबका मकसद युवाओं में राष्ट्र विरोधी मानसिकता को बढ़ावा देना था। उसी समय सुरक्षा एजेंसियों ने 130 अर्बन नक्सलियों को चिह्नित कर लिया था। जनवरी 2023 में यह बात भी सामने आई थी कि अर्बन नक्सल से जुड़े लोग धरना और विरोध प्रदर्शन के जरिये माहौल बिगाड़ने की साजिश कर रहे हैं। विश्वविद्यालय व संबद्ध महाविद्यालयों में अपनी पैठ बनाने के बाद अर्बन नक्सली स्वयं सेवी संगठनों (एनजीओ) व अन्य छोटे संगठनों के माध्यम से पूर्वांचल के अन्य जिलों में अपना विस्तार करने में लगे हैं। इस संबंध में ठोस इनपुट मिलने के बाद प्रदेश की शीर्ष सुरक्षा एजेंसियों ने वाराणसी व पूर्वांचल भर में सक्रिय 130 अर्बन नक्सलियों को चिह्नित किया था।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने मंगलवार को जिन दो छात्राओं से पूछताछ की वो भगत सिंह छात्र मोर्चा बीएचयू इकाई की अध्यक्ष आकांक्षा व सह-सचिव है सिद्धि हैं। आठ घंटे की पूछताछ के बाद, आकांक्षा को 12 सितंबर को लखनऊ स्थित एनआईए कार्यालय में पेश होने का नोटिस थमा दिया गया है। एनआईए को शक है कि दोनों का अरबन नक्सलियों से संबंध व संपर्क है। फिलहाल जांच चल रही है। सामाजिक विज्ञान संकाय की दोनों छात्राओं के कमरे से एक मोबाइल, दो लैपटॉप, पत्रिकाएं और कागजात जब्त किए गए हैं। महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव में हिंसा के बाद अर्बन नक्सल शब्द आम लोगों की जुबान पर आया। इसका जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी किया था। प्रदेश की शीर्ष सुरक्षा एजेंसी से जुड़े एक अफसर ने बताया कि अर्बन नक्सली अब प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी और उससे सटे पूर्वांचल के अन्य जिलों में अपनी पैठ मजबूत कर रहे हैं। इसमें अहम भूमिका कुछ विश्वविद्यालयों के शिक्षाविदों, छात्रों और कुछ एनजीओ संचालकों की है। इनमें से सूचीबद्ध किए गए लोगों की गतिविधियों की लगातार निगरानी की जा रही है। संबंधित लोगों के खिलाफ जल्द ही साक्ष्यों के साथ पुख्ता कार्रवाई की जाएगी।

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