आजमगढ़ : कौन समझेगा श्रेया के माता-पिता के आंसुओं की कीमत

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पिता का आरोप विद्यालय परिवार द्वारा छुपाए गए साक्ष्य, की ऐसी सजा देने को मांग
रिपोर्ट : वेद प्रकाश सिंह 'लल्ला'
आजमगढ़। आंखों में बुने सपनों को साकार करने के लिए जिस होनहार बेटी को घर के पास स्थित निजी विद्यालय से निकाल कर उसकी बेहतरी के लिए जिले के चुनिंदा स्कूलों में शुमार चिल्ड्रेन गर्ल्स कालेज में दाखिला कराया गया वहां की अमानवीय कृत्य से एक परिवार की प्रतिभावान बिटिया असमय काल के गाल में समा गई। संतान वियोग में तड़प रहे परिवार के आंसुओं की कीमत शायद कोई नहीं समझ पा रहा है।

पुत्री के वियोग में सुध बुध खो चुके पिता ऋतुराज तिवारी का यह कहना है कि हमने अपनी बेटी खोया है, हम गरीब का सुनने वाला कौन है। इस मामले में पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के बाबत पीड़ित परिवार ने कहा कि हमें पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य पर भरोसा बढ़ा है, जिनके निर्देश पर आरोपित कालेज की प्रिंसिपल व क्लास टीचर की गिरफ्तारी की गई है, पुलिस की प्रारंभिक जांच एवं कार्रवाई से हमें थोड़ा सुकून जरुर महसूस हो रहा है लेकिन अभी इस मामले में अन्य दोषियों को भी सजा मिलनी चाहिए। साथ ही पुलिस विद्यालय परिवार द्वारा छिपाए गए साक्ष्य का संकलन कर उसे उजागर करे ताकि मेरी दिवंगत बेटी पर लगे लांछन के बारे में भी लोग जानें। उन्होंने कहा कि अब तो मेरी बेटी हम लोगों के बीच अपनी सफाई देने नहीं आ सकती लेकिन उसकी आत्मा को राहत तभी मिल पाएगी जब उसे मरने के लिए मजबूर करने वालों को फांसी पर लटकाया जाएगा। यह कार्य समाज के लिए एक नजीर बनेगा और फिर किसी श्रेया को इस तरह किसी माता पिता से दूर न होना पड़े।

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