शर्मनाकः खुद से तेल भराओ तब ले जाओ गाड़ी

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अस्पताल से शव वाहन ना मिलने पर बाइक से ले गए बेटी की लाश
गोंडा। उत्तर प्रदेश के गोंडा में एक शर्मनाक करने वाला मामला सामने आया है। स्वशासी मेडिकल कॉलेज से संबद्ध बाबू ईश्वर शरण अस्पताल में एक बेटी का शव हाथ में उठाकर परिजनों को दूसरी मंजिल से इमर्जेंसी के बाहर तक लाना पड़ा और तो और पीड़ित परिवार को शव वाहन तक नसीब नहीं हो सका, उन्हें बाइक से शव घर ले जाना पड़ा। यहां तक अस्पताल प्रशासन ने ये भी तर्क दिया कि 1 अप्रैल से बजट ना मिलने पर पीड़ित परिवार से डीजल की मांग करनी पड़ रही है। बताया जाता है कि देहात कोतवाली के गुलगुलिया निवासिनी रंगा देवी की 18 साल की राम सागर को बेहोशी की हालत में रविवार को अस्पताल लाया गया। परिजनों ने किसी जहरीले जानवर के काट लेने की बात बताई, जिसके बाद उसे अस्पताल की दूसरी मंजिल पर मेडिकल वार्ड में भर्ती करा दिया गया। उपचार के दौरान दोपहर बाद उसकी मौत हो गई। मौत के बाद परिजनों ने वार्ड के स्टाफ रुम जाकर शव वाहन उपलब्ध कराने की मांग की, जिस पर उन्हें बताया गया कि वाहन कहीं शव लेकर गया हुआ है।
अस्पताल से शव घर पहुंचाने के लिए तीन शव वाहन अस्पताल के पास हैं। जिसमें से एक वाहन अस्पताल का जबकी दो वाहन सीएमओ के यहां से उपलब्ध कराए गए हैं। इसके बावजूद भी लोगों को परिजनों की मौत के बाद शव को वाहन नहीं मिल पा रहा है। बताया जाता है कि मौजूद तीन गाड़ियों में दो खराब पड़े हैं, केवल एक ही चालू हालत में है। खराब गाड़ियों को ठीक कराने के लिए लिखा-पढ़ी की जा रही है। अफसरों को भी पत्र भेजा गया है।
वैसे तो अस्पताल में मौत के बाद शव घर तक ले जाने के लिए निशुल्क व्यवस्था है लेकिन इस समय पीड़ित परिवार को शव वाहन में डीजल भराने की शर्त पर ही वाहन उपलब्ध कराया जा रहा है। अस्पताल प्रशासन तर्क दे रहा है कि जिला अस्पताल एक अप्रैल से स्वशासी मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध हो गया है, ऐसे में 31 मार्च के बाद जिला अस्पताल के मद में शासन से कोई बजट नहीं मिल रहा है जिससे डीजल की मांग पीड़ित परिवार से करनी पड़ रही है।
इस मामले में सीएमएस डॉ. पीडी गुप्ता ने बताया कि पहली अप्रैल से अस्पताल स्वशासी मेडिकल कॉलेज से संबद्ध हो गया है। 31 मार्च के बाद शासन से कोई बजट नहीं मिला है, ऐसे में बजट के अभाव में पीड़ित परिवार से शव वाहन के लिए डीजल की मांग करनी पड़ रही है। रही बात खराब शव वाहन की तो ठीक करने के लिए लिखा-पढ़ी चल रही है।?दवहीं, सीएमओ गोंडा डॉ. रश्मि वर्मा ने बताया कि शव वाहन के लिए मांगे जाने पर डीजल भराने के लिए पर्ची दी जाती है। जब भी मांग की जाती है उपलब्ध कराया जाता है। रही बात खराब गाड़ियों को ठीक कराने की तो इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। अस्पताल प्रशासन को बताना चाहिए।

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