अब्बास और निखत मुलाकात मामले में एक बड़ा खुलासा

Youth India Times
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... इनके आदेश पर नहीं बनती थी पर्ची
बिना तलाशी के होती थी मुलाकात
लखनऊ। चित्रकूट जेल में गैरकानूनी तरीके से विधायक अब्बास अंसारी की उनकी पत्नी निखत से मुलाकात के मामले में नया खुलासा हुआ है। इस प्रकरण की जांच करने वाले पदावनत डीआईजी शैलेंद्र मैत्रेय की रिपोर्ट के मुताबिक जेलकर्मियों ने अपने बयान में कहा कि अब्बास से मिलने आने वाले परिजनों को बिना पर्ची और तलाशी के मुलाकात कराने का आदेश जेल अधीक्षक अशोक सागर और जेलर संतोष कुमार ने दिया था। जांच में सामने आया है कि निखत अंसारी ने 19 नवंबर 2022 से लेकर नौ फरवरी 2023 तक बीस बार पर्ची लगाकर अब्बास से मुलाकात की थी। इस दौरान निखत के अलावा वकील अजय, भाई उमर और दोस्त नियाज भी मिलने आए थे। वहीं जिस कमरे में दोनों की मुलाकात होती थी, वह उस दौरान किसी को आवंटित नहीं था।
तत्कालीन डीआईजी की जांच में चित्रकूट जेल में प्रभारी गेटकीपर जेल वार्डर सत्येंद्र कुमार के बयान के मुताबिक जेल अधीक्षक और जेलर ने अब्बास के परिजनों को बिना तलाशी और गेटबुक में ब्योरा दर्ज कराए मुलाकात कराने के निर्देश दिए थे। इसी तरह प्रभारी कारापाल पीयूष पांडेय ने बयान दिया कि 10 फरवरी को निखत की मुलाकात की पर्ची उसे नहीं दी गयी थी। जब उन्होंने डिप्टी जेलर चंद्रकला से इस बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि अब्बास की पूर्व से ही इसी प्रकार मुलाकात अधीक्षक और जेलर के आदेश पर कारागार के अंदर वाले कमरे में कराई जा रही है। ये सिलसिला अब्बास के चित्रकूट जेल में आने के बाद से जारी है। जिसकी पुष्टि सीसीटीवी से की जा सकती है। इन मुलाकातों को प्रभारी मुलाकात, जेलर अथवा अधीक्षक ने रोकने का प्रयास भी नहीं किया।

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