आजमगढ़ : ग्रामीण और रेलवे पुलिस हुए आमने-सामने

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ग्रामीणों का आरोप आला अधिकारियों के आदेश को दरकिनार कर रहा रेलवे प्रशासन
खूब हुई नोक-झोक, 3 फरवरी का दिया समय, जानिए क्या है मामला
आजमगढ़। आजमगढ़-मऊ रेल मार्ग पर मुबारकपुर थाना क्षेत्र के रानीपुर गांव में उस समय माहौल काफी गरम हो गया जब मानव रहित रेल फाटक संख्या 22 सी को रेलवे विभाग द्वारा रविवार को दोपहर को बंद करने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गयी। भारी संख्या में पहुंचे ग्रामीणों ने रेलवे प्रशासन द्वारा फाटक बंद करने का विरोध किया गया। सूचना पर मौके पर आरपीएफ और जीआरपी के जवान पहुंच गये। ग्रामीणों और रेलवे प्रशासन के बीच जमकर नोक-झोंक हुई। इस दौरान रेलवे प्रशासन द्वारा ग्रामीणों को 3 फरवरी तक का समय दिया गया कि वे रेलवे विभाग के सक्षम अधिकारी का आदेश लाकर दिखा दे तो गेट बंद नही किया जायेगा। इसके बाद ग्रामीण शांत होकर वापस लौट गये।
बता दें कि मानव रहित रेलवे फाटक से रानीपुर सहित आसपास के गांवों के आवागमन के साथ साथ इसी रास्ते से खेती किसानी का भी कार्य होता है। अगर गेट बंद हो गया तो ग्रामीणों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ेगा। ग्रामीणों ने गेट बंद करने के विकल्प में कहा कि पहले अंडरपास बनवाया जाय फिर गेट बंद किया जाए। रेलवे प्रशासन के अधिकारी आईओडब्ल्यू आर के सिंह ने कहा कि गेट बंद करने का आदेश विभाग के आलाधिकारियों का हैं, इसका पालन हमें करना ही होगा। जिसके विरुद्ध सक्षम अधिकारी का आदेश कराकर ले आये तो यह गेट नहीं बंद किया जायेगा। इसके लिए उन्होंने 3 फरवरी के समय तक मोहलत दे रखी है। आदेश नहीं लाये तो गेट को हर हाल में बंद कर दिया जायेगा।
ग्रामीण दुक्खू यादव ने कहा कि अंडरपास बनवाने के लिए उपजिलाधिकारी से लेकर जिलाधिकारी तक गुहार लगाई है, आदेश भी है, लेकिन रेलवे विभाग के आलाधिकारी इस आदेश को दरकिनार कर गेट को बंद करने पर अड़े हुए हैं। हम ग्रामीण एकजुट होकर आखिरी दम तक विरोध करेंगे, जब तक अंडरपास नहीं बन जाता हैं तब तक गेट हम बंद नहीं होने देंगे। इस दौरान आईओडब्ल्यू आरके सिंह, जीआरपी थानाध्यक्ष सुभाष चन्द्र, आरपीएफ उपनिरीक्षक बृजभूषण राय, विक्रम, सठियांव चौकी प्रभारी कृष्णा सिंह, पीडब्ल्यूआई सरफराज अंसारी सहित अन्य लोग मौजूद थे।

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