बेअंदाज नौकरशाहों पर सीएम योगी हुए नाराज

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बदले जा सकते हैं इन विभागों के मुखिया
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्थानांतरण नीति का फायदा उठाकर मनमाने तरीके से किए गए तबादलों को लेकर मंत्री और विभागाध्यक्षों के बीच चल रही रार को गंभीरता से लिया है। माना जा रहा है इसकी गाज स्वास्थ्य व लोक निर्माण समेत अन्य कई विभागों में गिरेगी। पशुपालन विभाग के घोटाले में भी बड़ी कार्रवाई हो सकती है। कुछ अधिकारी हटाकर कम महत्व वाले पदों पर भेजा जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने तबादलों में गड़बड़ी और पशुपालन विभाग में हुए घोटाले पर कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने वरिष्ठ आईएएस अफसरों की कमेटी बनाकर पूरे मामले की रिपोर्ट दो दिन में सौंपने का निर्देश दिया है। शासन के गलियारे में चर्चा है कि ऐसे अफसरों को हटाने के लिए जल्द ही आईएएस अफसरों के व्यापक पैमाने पर तबादले हो सकते हैं। इसके लिए उच्चस्तर पर तैयारी चल रही है।
स्वास्थ्य विभाग में तबादलों को लेकर उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद की अगुवाई में हुए तबादलों पर नाराजगी जताते हुए पत्र लिखा था। इसमें तमाम तरह की गड़बड़ियां सामने आने की बात कही गई थी। अमित मोहन प्रसाद ने स्पष्टीकरण मांगे जाने के बाद भी जवाब नहीं दिया। प्रकरण के तूल पकड़ने पर केंद्रीय नेतृत्व ने इस मामले में पूछताछ की है। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को स्वास्थ्य और एपीसी को लोक निर्माण विभाग में हुए तबादलों की जांच सौंपी है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह ने करीब 50 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच अपर मुख्य सचिव को सौंपी है। विभाग के आला अफसरों पर घोटाले को अंजाम देने का आरोप है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री रिपोर्ट मिलते ही लापरवाह नौकरशाहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।
पीडब्ल्यूडी में तीन साल पहले मृत जूनियर इंजीनियर घनश्याम दास का तबादला झांसी कर दिया गया था। राजकुमार का तबादला इटावा से ललितपुर किया गया। बाद में पता चला कि राजकुमार नाम का कोई शख्स विभाग में है ही नहीं। यहीं नहीं एक-दो साल में सेवानिवृत्त होने वालों को दूरदराज के जिलों में स्थानांतरित कर दिया गया।

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