आजमगढ़: कमीशन के लिए मरीजों के जीवन से ये कैसा खिलवाड़

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नार्मल मरीजों को सीरियस बताकर प्राइवेट संस्थानों को किया जा रहा रेफर
अतरौलिया स्वास्थ्य केन्द्र का मामला
आजमगढ़। सरकार जहां स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर तमाम दावे कर रही है वहीं जनपद के एक सीएचसी पर मरीजों के जीवन से खिलवाड़ करते हुए कमीशन के चक्कर में उन्हें प्राइवेट संस्थानों को रेफर कर दिया जा रहा है। इतना ही नहीं मरीजों के परिजनों द्वारा इस मामले में हस्तक्षेप करने पर उन्हें धमकी भी दी जा रही है। जानकारी होने पर पहंुचे एक स्थानीय पत्रकार को धमकी देते हुए उसकी मोबाइल छीनकर जमीन पर पटक दी गयी।
बता दें कि अतरौलिया सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर प्रसूता मरीजों की जान के खिलवाड़ किया जा रहा है। पैसा न देने पर मरीजों के दुर्व्यवहार की बातंे सामने आ रही हैं। रात्रि में डॉक्टर अपने कमरे से बाहर नहीं निकलती जिससे प्रसूता को जान का खतरा बना रहता है, जब परिजन इसका विरोध करते हैं तो रात की ड्यूटी में तैनात डॉक्टरों द्वारा दुर्व्यवहार कर सामान्य मरीज को भी सीरियस बनाकर अन्यत्र भेज दिया जाता है, जिससे डाक्टरों को अन्य अस्पतालों से कमीशन मिलता है। बता दें कि शासन द्वारा यह दावा किया जाता है कि 24 घंटे मरीजों के लिए अस्पताल सेवा देता है लेकिन सीएचसी अतरौलिया पर तैनात संविदा कर्मी, स्टाफ नर्स तथा डॉक्टरों से मिलीभगत कर पैसे का खेल खेला जाता है।
स्थानीय निवासी नीरज सिंह का आरोप है कि रात्रि के समय पत्नी का डिलीवरी कराने गया था तो वहां पर कोई डॉक्टर नहीं था। स्वास्थ अधीक्षक से बात करने पर डॉक्टर निकलकर कमरे से बाहर आई और दुर्व्यवहार करते हुए मारने की धमकी भी दे डाली। डॉक्टर द्वारा मुझे सुबह बुलाया गया और सुबह पहुँचने पर वहां तैनात डॉक्टर द्वारा पत्नी को दर्द न होने का इंजेक्शन लगा दिया गया और कुछ देर बाद अन्यत्र ले जाने की बात कही गई तथा यह भी बोला गया की नॉर्मल डिलीवरी नहीं हो सकती, जबकि उसी प्रसूता का प्राइवेट अस्पताल में नॉर्मल डिलीवरी हुई।
भवानीपुर निवासी विजय का आरोप है कि पत्नी के डिलीवरी के लिए रात 11.00 बजे अस्पताल गया तो डॉक्टर उपलब्ध नहीं थी। जानकारी हासिल कर डॉक्टर के कमरे पर पहुंचा तो डॉक्टर बोली मैं नहीं आऊंगी आप वहीं कहीं देख लो, बगल के ही कमरे पर दूसरी डॉक्टर के पास गया, जिनकी ड्यूटी भी नहीं थी वह पत्नी को देखी और नॉर्मल डिलीवरी भी कराई। सुबह जब डॉक्टर पहुंची तो मरीज को डिस्चार्ज नहीं कर रही थी और दुर्व्यवहार करने लगी। स्वास्थ्य अधीक्षक के हस्तक्षेप के बाद पत्नी का डिस्चार्ज कार्ड बनाया गया। इस बावत सूचना मिलने पर पहंुचे स्थानीय पत्रकार की मोबाइल को छीनकर स्टाफ नर्स द्वारा जमीन पर पटक दिया गया।
इस बावत स्वास्थ्य अधीक्षक डा0 शिवाजी से बात करने पर उन्होंने बताया कि इस तरह की कोई लिखित शिकायत हमारे पास नहीं आई है। अगर कोई भी लिखित शिकायत मिलती है तो मामले में जांच की उचित कार्रवाई की जायेगी।

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