शरीर एक साधन है और परमात्मा की प्राप्ति ही इसका ध्येय होना चाहिए-डा0 मंगला सिंह

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पवित्र ग्रंथ गुरु अन्यास ज्ञान दीपक जयंती समारोह सम्पन्न
रिपोर्ट-अशोक जायसवाल
बलिया। जनपद के बिल्थरारोड तहसील क्षेत्र के गुरु धाम ससना बहादुरपुर (अखोप) की पावन भूमि पर स्वामी शिवनारायण जी संप्रदाय के प्रवर्तक संत शिरोमणि स्वामी शिवनारायण जी द्वारा रचित पवित्र ग्रंथ गुरु अन्यास ज्ञान दीपक जयंती समारोह का आयोजन शुक्रवार को सम्पन्न हुआ। मानव कल्याण के लिए गुरु दुख हरण जी की रचित पवित्र ग्रंथ जयंती मे भारत वर्ष के अनेक संत/महंथ ने शिरकत की।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए आजमगढ़ से पधारे हुए मानस मर्मज्ञ डा0 मंगला सिंह ने कहा कि शरीर एक साधन है और परमात्मा की प्राप्ति ही इसका ध्येय होना चाहिए, जो बिना सत्संग के दुर्लभ है। हमें धर्म, अर्थ, काम मोक्ष यानि चारो पुरुषार्थ की सफलतम प्राप्ति गृहस्थ आश्रम से ही संभव है।


दाता भुक्ता, और उदासी दयावंत पचवे घर वासी।
अर्थात इस सांसारिक जगत मे पांच प्रकार के भक्त होते हैं। जिनमे दाता अर्थात दान करने वाला, भुक्ता अर्थात सांसारिक वस्तुओ का भोग करने वाला, उदासी और दयालु।
दयालु भक्त ही सबसे अच्छा भक्त होता है जो गृहस्थ जीवन यापन करने के साथ - साथ माता- पिता की सेवा, धार्मिक अनुष्ठान सहित समस्त सांसारिक कार्याे को पूर्ण करते करते भव पार हो जाता है। इसके पूर्व
कार्यक्रम का उद्घाटन सीयर ब्लॉक प्रमुख आलोक कुमार सिंह ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वाराणसी मठ के महंथ विजय दास त्यागी तथा संचालन प्रखर वक्ता कल्याण सिंह ने किया। कार्यक्रम मे सहारनपुर, देहरादून, मेरठ, दिल्ली, पूर्णिया, बिहार, सहित कई प्रांतों के संतो ने सहभागिता की।
जिसमें सहारनपुर से संत केवल कृष्ण जी महाराज, दिल्ली से विष्णु आनंद जी, विजय महंथ, मिश्री लाल जी, संत नित्यानंद जी आदि उपस्थित रहे।
भजन संध्या मे बाबा फतेहदास, जुल्फिकार इंडियन, चंदा देवी बिहार, डॉ जितेंद्र स्वाध्यायी जी, भोजपुरी भूषण डॉ नंद जी नन्दा आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में सभी श्रद्धालुओं को भंडारे का रसास्वादन भी कराया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने मे भुवाल शर्मा, हरिशंकर, गुड्डू, बैजनाथ मौर्य, बाबा चंद्रेश दास महंथ आदि की मुख्य भूमिका रही। कार्यक्रम के अंत में अध्यक्ष डॉ भूपेंद्र सिंह ने सभी आगंतुकों के प्रति आभार प्रकट किया।

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