आजमगढ़: फांसी की सजा के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचा आरिज खान

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बाटला हाउस एनकाउंटर मामले में दिल्ली की निचली अदालत ने 15 मार्च 2021 को सुनाई थी फांसी की सजा
आजमगढ़/नई दिल्ली। दिल्ली के बहुचर्चित बाटला हाउस एनकाउंटर मामले के दोषी उत्तर प्रदेश के जनपद आजमगढ़ के थाना बिलरियागंज क्षेत्र के नसीरपुर गांव निवासी आरिज खान ने हाल ही में एक निचली अदालत द्वारा 15 मार्च, 2021 को सुनाई गई फांसी की सजा को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है।
आरिज खान ने अपने वकील एम.एस. खान के जरिए इस साल मार्च में साकेत कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के खिलाफ अपील दायर की है। साकेत कोर्ट ने उसे भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 186, 333, 353, 302, 307, 174 ए, 1860 और आर्म्स एक्ट 1959 के प्रावधान के तहत दोषी ठहराया था। साकेत कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप यादव ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि आरिज खान और अन्य ने जानबूझकर एनकाउंटर स्पेशलिस्ट इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की हत्या की और हेड कॉन्स्टेबल बलवंत सिंह और राजबीर सिंह को घायल कर दिया था।
इसके साथ ही निचली अदालत ने दोषी के खिलाफ 11 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाते हुए निर्देश दिया था कि जुर्माने की राशि में से 10 लाख रुपये मृतक मोहन चंद शर्मा के परिवार को मुआवजे के रूप में दिए जाएं।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने काफी तलाश के बाद आरिज खान को गिरफ्तार करने में कामयाबी पाई थी। वह कथित तौर पर आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन से जुड़ा था। दिल्ली पुलिस के अनुसार, आरिज खान 19 सितंबर, 2008 को दिल्ली के जामिया नगर में हुए एनकाउंटर के दौरान बाटला हाउस में मौजूद था, लेकिन मुठभेड़ के दौरान भागने में सफल रहा, जिसमें इंडियन मुजाहिदीन के दो संदिग्ध आतंकवादी मारे गए थे और दो अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया था।
एनकाउंटर में मारे गए संदिग्ध आतंकवादियों में आतिफ अमीन और मोहम्मद साजिद शामिल थे, जबकि गिरफ्तार किए जाने वालों में मोहम्मद सैफ और जीशान शामिल थे।
गौरतलब है कि 13 सितंबर, 2008 को दिल्ली में पांच जगहों पर हुए सीरियल ब्लास्ट में कम से कम 30 लोग मारे गए थे और 100 से अधिक घायल हो गए थे। इन धमाकों के एक हफ्ते बाद बाटला हाउस एनकाउंटर हुआ था।

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