चित्रकूट जिला जेल गैंगवार और एनकाउंटर का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

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सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआइ या फिर एनआइए से जांच कराने की मांग
लखनऊ। देश के साथ प्रदेश की सभी जेल की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलने वाला चित्रकूट जिला जेल का प्रकरण अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर चित्रकूट जिला जेल में गैंगवार तथा एनकाउंटर मामले की जांच सीबीआइ या एनआइए के कराने की मांग की गई है। वकील अनूप प्रकाश अवस्थी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। उनको चित्रकूट जिला जेल में गैंगवार में मारे गए मुकीम काला और मेराज अली के साथ ही पुलिस एनकाउंटर में ढेर अंशु दीक्षित का प्रकरण बेहद संदिग्ध लग रहा है। अवस्थी ने सुप्रीम कोर्ट से चित्रकूट जिला जेल हत्याकांड तथा एनकाउंटर प्रकरण की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआइ या फिर एनआइए से कराने की मांग की है। इन्होंने रविवार को ऑनलाइन यह अर्जी दाखिल की है। 
गौरतलब है कि बीते शुक्रवार को चित्रकूट जिला जेल में सुबह गैंगवार में कैराना पलायन के मुख्य आरोपित मुकीम काला और पूर्वांचल के माफिया विधायक मुख्तार के रिश्ते के भांजे और गैंग सदस्य मेराज अली की शार्प शूटर अंशु दीक्षित ने हत्या कर दी। हत्यारे अंशु को भी पुलिस मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया। जेल में करीब दो घंटे गैंगवार व मुठभेड़ के दौरान जेल में 50 राउंड गोलियां चलीं। पहले बंदियों के साथ जेल के सुरक्षा कर्मी भी बैरकों में दुबके रहे। पुलिस पहुंचने पर बल मिला तो पोजीशन लेकर मोर्चा संभाल जवाबी फायरिंग की। देर शाम को घटना में लापरवाही सामने आने पर चित्रकूट जेल के अधीक्षक एसपी त्रिपाठी व जेलर महेंद्र पाल समेत पांच कर्मियों को सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर निलंबित कर दिया गया। निलंबित कर्मियों में जेल के हेड वार्डर के अलावा सुरक्षा-व्यवस्था में तैनात पीएसी का एक सिपाही भी है। डीजी जेल आनन्द कुमार ने भी इसकी पुष्टि की है।

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