जीवनरक्षक रेमडेसिविर की किल्लत पर सीएम योगी का बड़ा फैसला

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गुजरात से तुरंत मंगाए जाएंगे 25 हजार इंजेक्शन 
लखनऊ। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के कारण रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग अचानक से बढ़ गई है। इस वजह से मांग और आपूर्ति में अंतर पैदा हो गया। बाजार में इस इंजेक्शन की किल्लत पैदा हो गई है। इस बीच सीएम योगी ने इस पर बड़ा फैसला लेते हुए गुजरात के अहमदाबाद से इंजेक्शन की 25 हजार डोज तुरंत मंगाने का आदेश दिया है। सीएम ने प्रदेश के स्वास्थ्य महकमे को इस बारे में तुरंत प्रक्रिया प्रारम्भ कर जल्द से जल्द रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित करने का आदेश दिया है। 
गौरतलब है कि प्रदेश के कई वरिष्ठ अधिकारियों के कोरोना संक्रमित होने के बाद मंगलवार को सीएम योगी ने खुद को आइसोलेट कर लिया था। आइसोलेशन में वर्चुअल रूप से वह प्रदेश में कोरोना से जंग के उपायों पर न सिर्फ नजर बनाए हुए हैं बल्कि बड़े फैसले भी ले रहे हैं। रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत इधर कई देश के कई प्रदेशों में देखी जा रही है। इस बीच मंगलवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने चिकित्सा बिरादरी से कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज में रेमडेसिविर इंजेक्शन का तर्कसंगत तरीके से इस्तेमाल सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। आईएमए ने कहा कि प्रमाण आधारित फायदे की संभावना से अलग कई जगहों पर इसके के अतार्किक तरीके से इस्तेमाल के कारण किल्लत पैदा हुई है। सभी को इंजेक्शन के बारे में पूरी तरह पता होना चाहिए और तर्कसंगत तरीके से ही इसका प्रयोग करना चाहिए ताकि जिसे यह दवा दी जाए, उसे फायदा हो। 
तीन दिन पहले कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए जीवनरक्षक कहे जा रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन के निर्यात पर केंद्र सरकार ने रोक लगा दी थी। भारत सरकार में देश में हालात सुधरने तक के लिए इस रोक का ऐलान किया था। बीते कुछ दिनों में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी देखी जा रही थी। ऐसे में सरकार का यह फैसला अहम है। केंद्र सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि देश में 11 लाख से ज्यादा एक्टिव केस हैं और इसके चलते इलाज में रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग बढ़ गई है। आने वाले दिनों में इस मांग में और इजाफा हो सकता है। ऐसे में सरकार ने भविष्य की चुनौतियों ने से निपटने के लिए इंजेक्शन के एक्सपोर्ट पर रोक का फैसला लिया है। एक्सपोर्ट पर रोक का यह आदेश तब तक लागू रहेगा, जब तक देश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार थम नहीं जाती। सरकार का कहना है कि कई कंपनियां इस इंजेक्शन के उत्पादन में जुटी हैं और प्रतिदिन 38.80 यूनिट्स का उत्पादन किया जा रहा है। उत्पादन के इस आंकड़े और कोरोना के बढ़ते केसों के मद्देनजर सरकार ने एक्सपोर्ट पर रोक लगाना जरूरी समझा है। यही नहीं सरकार की ओर से रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी रोकने और उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भी कुछ ऐलान किए गए हैं।

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