अखिलेश सरकार में हुई सहकारिता भर्ती घोटाले पर सीएम योगी सख्त

Youth India Times
By -
0

अफसरों पर दर्ज की जाएगी एफआईआर, होगी कार्रवाई
लखनऊ। सहकारिता विभाग की संस्थाओं में सपा शासनकाल में नियमों को ताक पर रखकर भर्तियां करने वाले सेवा मंडल के तत्कालीन पदाधिकारियों तथा अफसरों के खिलाफ जल्द प्राथमिकी दर्ज कराई जा सकती है। इन भर्तियों की जांच करने वाली एसआईटी टीम की रिपोर्ट को गृह विभाग की बैठक में स्वीकार कर लिए जाने की चर्चाएं हैं। रिपोर्ट के आधार पर आरोपियों के खिलाफ एफआईआर करने के लिए शासन की अनुमति मांगी गई है। शासन की अनुमति मिलने पर तत्कालीन सेवा मंडल के पदाधिकारियों के साथ ही उस समय जिम्मेदार पदों पर तैनात रहे सहकारिता विभाग के अफसर जो इस समय भी विभाग में बड़े पदों पर बैठे हुए हैं इनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।
सूत्र बताते हैं कि उ.प्र.सहकारी ग्राम विकास बैंक ,भंडारागार निगम, पीसीयू एवं पीसीएफ समेत छह सहकारी संस्थाओ की करीब 2300 पदों पर की गई भर्तियों में बड़े पैमाने पर हेराफेरी करने की पुष्टि एसआईटी की जांच में सामने आई है। अनियमितताओं में ओएमआर सीट बदलने, शैक्षिक अहर्ता बदलने, अधिकार नहीं होने पर भी पद विज्ञापित कर भंडारागार निगम में भर्तियां करने, फर्जी सेवा नियमावली बनाकर सहकारी ग्राम विकास बैंक में 1000 सहायक शाखा आंकिक तथा सहायक फिल्ड आफिसर की भर्ती किए जाने का जिक्र एसआईटी की रिपोर्ट में है।
एसआईटी ने इन भर्तियों के संबंध में अपनी रिपोर्ट करीब एक महीने पहले ही गृह विभाग को सौंप दी थी। गृह विभाग की बैठक में इस रिपोर्ट को स्वीकार कर लिए जाने की चर्चाएं हैं। इस मामले में मुख्यमंत्री से अनुमति लेकर आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी है। मुख्यमंत्री की अनुमति मिलने पर सेवा मंडल के तत्कालीन पदाधिकारियों के साथ ही कंप्यूटर एजेंसी तथा इन सहकारिता संस्थाओं में उस समय जिम्मेदार पदों पर तैनात रहे अफसरों पर गाज गिरेगी।
2012 से 2017 के बीच की गई थी ये भर्तियां
सपा शासनकाल में 2012 से 2017 के बीच सहकारिता विभाग की संस्थाओं में बड़ी तादाद में भर्तियां की गई थी। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद शिकायत मिलने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन भर्तियों की जांच एसआईटी को सौंपी थी। एसआईटी ने उ.प्र. सहकारी बैंक लि. में सहायक प्रबंधक के पदों पर भर्ती में हुई अनियमितताओं का खुलासा अपनी जांच में पहले की कर दिया था। इस भर्ती में विज्ञापन निकलने के बाद अहर्ता बदले जाने और अन्य अनियमितताएं कर चहेतों को नौकरियां दी गई थी। एसआईटी रिपोर्ट के आधार पर इस भर्ती मामले के दोषियों के खिलाफ प्राथिमकी दर्ज कर अन्य कार्यवाही भी की जा चुकी हैं।

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)