आजमगढ़ : संवेदनाओं के साथ दिखा सड़कों पर सन्नाटा

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सायरन की गूंज से सहम जा रहे लोग
-वेदप्रकाश सिंह 'लल्ला'
आजमगढ़। जानलेवा कोरोना वायरस के उन्मूलन के लिए शासन द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार जनपद में 2 दिनों के लिए लगाए गए कोरोना कर्फ्यू का असर रविवार को दूसरे दिन भी देखने को मिला। बाजारों की बंदी के चलते हर तरफ सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। जरूरतों की पूर्ति के लिए लोगों की चहलकदमी दिखी लेकिन उनकी संख्या न के बराबर रही। शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में दुकानों की बंदी के कारण लोग घरों से कम निकले। यह दृश्य कर्फ्यू जैसे हालात को बयां कर रहा था। कोरोना के कहर से भयभीत हुए लोग अब घरों से निकलने में परहेज कर रहे हैं। सुबह-शाम लोग जरूरत की पूर्ति के लिए मजबूरीवश सड़कों पर आ रहे हैं। शहर में दवाओं की दुकान खुली हैं लेकिन ग्राहक नदारद हैं। सुरक्षा एवं सतर्कता की दृष्टि से चट्टी-चौराहों पर तैनात किए गए पुलिसकर्मी उबासियां लेते नजर आए। रविवार की सुबह सड़कों पर कुछ चहल-पहल तो दिखी लेकिन दोपहर में सड़कें पूरी तरह सुनसान हो गईं। घरों में कैद रहने के लिए मजबूर लोग टेलीविजन पर प्रसारित कार्यक्रमों व समाचारों को देख अपना समय व्यतीत किए। गृहणी महिलाएं दिनचर्या के काम निपटाने में व्यस्त नजर आईं। इस महामारी से भयभीत युवाओं की टोली भी गलबहियां से परहेज करती नजर आई। ऐसे माहौल में क्या बच्चा क्या जवान और क्या बुजुर्ग सभी इस आपदा को कोसते नजर आ रहे हैं। सड़कों पर गुजरने वाली एंबुलेंस के सायरन की गूंज से लोग सहम जा रहे हैं। अब तो सड़कों पर सायरन बजाती दौड़ रही एंबुलेंसों को देख हर कोई ईश्वर को याद करते हुए ईलाज के लिए जा रहे मरीजों के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते नजर आ रहा है। कारण कि लोगों को किसी अपने प्रियजन के निधन की खबर मिलने से सुबह की शुरुआत जो होने लगी है। खैर ईश्वर जल्द हमें इस आपदा से उबारें और फिर जनजीवन अपनी पटरी पर लौट आए। इसी उम्मीद के साथ लेखनी को विराम।

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