योगी आज पेश करेंगे सरकार का पांचवां बजट

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सबको मुफ्त कोरोना वैक्सीन की हो सकती है घोषणा

लखनऊ | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार सोमवार को अपने मौजूदा कार्यकाल का पांचवां और आखिरी बजट पेश करेगी। योगी भाजपा सरकार के ऐसे पहले मुख्यमंत्री हैं जो लगातार पांचवां बजट पेश करेंगे। विधानसभा चुनाव अगले साल हैं। लिहाजा चुनावी चाशनी में पगा यह बजट युवाओं, किसानों व महिलाओं पर केंद्रित होगा। साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर के जरिए विकास के पहिए को और रफ्तार दी जाएगी। वहीं विधायक निधि बहाल करने की भी तैयारी है। कोरोना काल से उपजे वित्तीय संकट का सामना कर रही सरकार के सामने ढेरों उम्मीदें पूरी करने की चुनौती है। यूपी के इतिहास में पहली बार पेपरलेस बजट पेश करने की तैयारी है।
प्रदेश के वित्तमंत्री सुरेश खन्ना सोमवार को विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट पेश करेंगे। यह यूपी के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा बजट हो सकता है। इसका आकार 5.25 करोड़ से 5.50 करोड़ रुपये के बीच हो सकता है। मौजूदा वित्तीय वर्ष का बजट 5,12860 करोड़ रुपये का लाया गया था। बजट में पंचायत चुनाव की तैयारियों के लिए जरूरी धनराशि का इंतजाम होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम एक और रिकॉर्ड जुड़ने जा रहा है। भाजपा सरकार के वह पहले ऐसे मुख्यमंत्री बने हैं, जिनकी देखरेख में लगातार पांचवीं बार बजट पेश किया जा रहा है। उन्होंने अपना पहला बजट वित्तीय वर्ष 2017-18 में 3.84 लाख करोड़ का पेश किया था। वित्तीय वर्ष 2017-18 में 3.84 लाख करोड़, 2018-19 में 4.28 लाख करोड़, 2019-20 में 4.79 लाख करोड़ और 2020-21 में 5.12 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया था।
यूपी की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने के लिए सरकार ने कंसल्टेंसी फर्म का चयन कर लिया है और अब जल्द ही इसे अमलीजामा पहनाया जाने वाला है। इस संबंध में बजट में प्रावधान किया जाएगा। योगी सरकार का पहला बजट किसानों के विकास पर आधारित था। दूसरे बजट में औद्योगिक विकास, तीसरे में महिला सशक्तीकरण और चौथे बजट में युवाओं के विकास पर फोकस किया गया था।
योगी सरकार श्रमिकों, किसानों, बेरोजगारों व महिलाओं को राहत देने के लिए नई योजनाएं ला सकती है। बजट में हर वर्ग की उम्मीदें पूरी करने की कोशिश होगी। कोरोना संकट के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग को बड़ा बजट देते हुए कोरोना वैक्सीन सभी के लिए मुफ्त करने की घोषणा हो सकती है।
महिला सशक्तीकरण के अलावा गंगा किनारे के गांवों में शाम की आरती के लिए गंगा चबूतरा के लिए रकम रखी जाएगी। स्कूल-कालेज के छात्र छात्राओं को टैबलेट या लैपटाप देने का चुनावी वायदा इस बार पूरा हो सकता है। बजट में असंगठित क्षेत्र के एक करोड़ श्रमिकों को दुर्घटना व स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिलाने की तैयारी है। तलाकशुदा महिलाओं व परित्यक्ता महिलाओं के लिए छह हजार रुपये की पेंशन देने की व्यवस्था हो सकती है। पिछले बजट में इसके लिए पैसे की व्यवस्था नहीं हो पाई थी। मंड़ियों की बेहतरी के लिए भी बड़ी रकम का इंतजाम होगा।
कोरोना संकट के चलते विधायकों के वेतन भत्तों की कुछ धनराशि स्थगित की गई थी। इसे नए वित्तीय वर्ष से बहाल किया जा सकता है। इसके अलावा राज्य कर्मचारियों को डीए दिए जाने के लिए आवश्यक धनराशि की व्यवस्था वित्त विभाग बजट में करेगा। अयोध्या, वाराणसी व मथुरा के विकास पर खास फोकस होगा। अयोध्या में श्रीराम इंटरनेशनल एयरपोर्ट, व जेवर एयरपोर्ट, एक्सप्रेस वे, मेट्रो परियोजनाएं, फिल्म सिटी जैसी बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर की योजनाओं को भी बजट के जरिए पंख लगेंगे।
चुनावी वर्ष में सरकार इस बजट के साथ अगस्त व दिसंबर में दो अनुपूरक बजट भी पेश कर सकती है। गांवों में संपर्क मार्गों से अछूते 250 से अधिक आबादी वाले ग्रामीण बसावटों को संपर्क मार्ग से जोड़ा जाएगा। पर्यटन स्थलों के विकास के साथ आवास से जुड़ी परियोजनाओं के लिए भी घोषणाएं होने की उम्मीद है। गांवों में बैंक, आवास व रोजगार देने पर खास फोकस होगा।

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