छात्रा को धक्का देने से शुरू हुआ विवाद, फिर भड़की हिंसा
वाराणसी। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) कैंपस में मंगलवार देर रात छात्रों और सुरक्षाकर्मियों के बीच शुरू हुई कहासुनी कुछ ही देर में पत्थरबाजी और मारपीट में बदल गई। करीब तीन घंटे तक चले उपद्रव में 100 से अधिक लोग घायल हो गए, जिनमें दर्जनभर की हालत गंभीर है। बवाल के दौरान एलडी गेस्ट हाउस चौराहे पर लगे 10 से ज्यादा सजावटी गमले, कई वाहन और कुर्सियां तोड़ दी गईं। ‘वणक्कम काशी’ लिखे तमिल संगमम के दो बड़े पोस्टर भी फाड़ दिए गए। करीब आधा किलोमीटर तक सड़क पर ईंट-पत्थर बिखरे पड़े थे। बुधवार को कैंपस में 216 तमिल छात्रों का स्वागत होना था। छात्रों का कहना है कि राजाराम हॉस्टल के पास किसी वाहन चालक ने एक छात्रा को धक्का दे दिया। शिकायत करने गए छात्रों के साथ सुरक्षाकर्मियों से बहस हो गई। वहीं प्रॉक्टोरियल बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार, बवाल से पहले कुछ मुंह बांधे छात्र एक अन्य छात्र को पीट रहे थे। सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें पकड़कर प्रॉक्टोरियल बोर्ड को सौंप दिया, जिसके बाद बड़ी संख्या में छात्र हॉस्टल से निकल आए और सुरक्षाकर्मियों पर हमला बोल दिया। घायल छात्रों के साथ न्याय की मांग को लेकर छात्र कुलपति आवास के बाहर धरना देने पहुंचे। वहां विवाद बढ़ा और अचानक पत्थरबाजी शुरू हो गई। देखते ही देखते 300 से अधिक छात्र और करीब 200 सुरक्षाकर्मी आमने-सामने आ गए। मारपीट में ब्रोचा हॉस्टल (विज्ञान संकाय) के एक छात्र का सिर फट गया। उसका कहना था कि वह गलती से पत्थरबाजी के बीच में आ गया और सुरक्षाकर्मियों ने उस पर भी लाठियां बरसा दीं।सूचना मिलते ही तीन थानों व दस चौकियों की फोर्स के साथ चार ट्रक पीएसी कैंपस पहुंची और छात्रों को हॉस्टल तक खदेड़ा। करीब तीन घंटे तक कैंपस में तनाव बना रहा। गंभीर रूप से घायल छात्रों को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है। चीफ प्रॉक्टर प्रो. शिव प्रकाश सिंह ने बताया कि अभी तक किसी भी पक्ष से लिखित शिकायत नहीं मिली है। सीसीटीवी फुटेज और अन्य साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं, जिसके आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी।


