तमन्ना ने प्रथम प्रयास में हासिल की नीट यूजी में सफलता

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बच्चों को दबाव नहीं, निर्णय लेने की आजादी दें: डा० विनय कुमार सिंह
आजमगढ़। जनपद की होनहार बेटी तमन्ना यादव ने नीट यूजी 2025 में अपने पहले ही प्रयास में शानदार प्रदर्शन करते हुए 720 में से 557 अंक प्राप्त कर आल इंडिया रैंक 9497 हासिल की है। तमन्ना की इस उपलब्धि ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे आजमगढ़ का गौरव बढ़ाया है।
तमन्ना यादव जिला महिला चिकित्सालय, आजमगढ़ के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विनय कुमार सिंह यादव और श्री अग्रसेन महिला महाविद्यालय, की प्रोफेसर डॉ. निशा यादव की पुत्री हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा आजमगढ़ के प्रतिष्ठित ज्योति निकेतन स्कूल में हुई, जबकि इंटरमीडिएट की पढ़ाई उन्होंने दिल्ली से पूरी की। इंटरमीडिएट के तुरंत बाद नीट की तैयारी शुरू करने वाली तमन्ना ने कड़ी मेहनत और लगन से यह मुकाम हासिल किया। तमन्ना ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, शिक्षकों और स्वयं की कठिन परिश्रम को दिया। उन्होंने कहा, "मेरे माता-पिता ने हर कदम पर मेरा हौसला बढ़ाया। शिक्षकों का मार्गदर्शन और नियमित अभ्यास ने मुझे आत्मविश्वास दिया।
बच्ची की सफलता पर डॉ. विनय कुमार सिंह यादव ने कहा कि बच्चों के मानसिक विकास और सफलता के लिए उनकी आजादी और हौसले को बढ़ावा देना चाहिए। बच्चों पर किसी तरह का दबाव नहीं डालना चाहिए, बल्कि उन्हें स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने और पढ़ाई करने का मौका देना चाहिए।
डा० सिंह ने डिजिटल प्लेटफॉर्म के बढ़ते उपयोग पर चिंता जताते हुए कहा कि बच्चे आजकल मोबाइल और इंटरनेट पर ज्यादा समय बिता रहे हैं, जिससे उनका समय नष्ट होता है। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे बच्चों को इस माहौल से बचाएं और उन्हें खेलकूद व सामाजिक मेलजोल के लिए प्रेरित करें।
उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों के मन में उतार-चढ़ाव आना स्वाभाविक है। ऐसे समय में अभिभावकों को उनका हौसला बढ़ाना चाहिए और मेहनत के महत्व को समझाना चाहिए। डा० सिंह ने जोर देकर कहा कि आज का दौर पहले से कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण है, और बच्चे अपनी ओर से पूरा प्रयास कर रहे हैं।
अभिभावकों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि बच्चों से दोस्त की तरह संवाद करना जरूरी है। इससे बच्चे अपनी बातें खुलकर शेयर करते हैं, जिससे उन्हें समझना और सहयोग करना आसान होता है। अपनी बेटी तमन्ना यादव की सफलता का श्रेय उनकी मां को देते हुए उन्होंने बताया कि तमन्ना की मां, जो एक प्रोफेसर हैं। उन्होंने अपनी व्यस्तता के बावजूद बच्चों की परवरिश और पढ़ाई पर पूरा ध्यान देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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