लखनऊ। उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) ने भ्रष्टाचार और लापरवाही के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए 12 अधिकारियों और कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। प्राधिकरण के अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी ने मंगलवार को बताया कि खराब आचरण और ईमानदारी पर संदेह के चलते यह कार्रवाई की गई। बर्खास्त कर्मचारियों में तीन कनिष्ठ अभियंता, एक सहायक लेखाकार, चार कंप्यूटर ऑपरेटर, एक हेल्प डेस्क कर्मचारी और एक चपरासी शामिल हैं। यह कार्रवाई भ्रष्टाचार निरोधक टीम द्वारा रेरा के एक लेखाकार को रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के दो दिन बाद हुई है। ग्रेटर नोएडा में मकान खरीदने वाले एक व्यक्ति ने लेखाकार के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। भूसरेड्डी ने बताया कि रेरा ने पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सख्त आंतरिक निगरानी तंत्र लागू किया है। प्रत्येक कर्मचारी से सत्यनिष्ठा का शपथ-पत्र लिया जाता है और कार्यालय में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। 2017 में लखनऊ में स्थापित यूपी रेरा का उद्देश्य रियल एस्टेट परियोजनाओं में पारदर्शिता लाना, विकासकर्ताओं की जवाबदेही तय करना और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना है। प्राधिकरण जीरो टॉलरेंस नीति के तहत भ्रष्टाचार और अनुशासनहीनता के खिलाफ कठोर कार्रवाई करता है। भूसरेड्डी ने स्पष्ट किया कि रेरा अपने उद्देश्यों से किसी भी चूक को बर्दाश्त नहीं करेगा और भविष्य में भी कड़ी निगरानी जारी रखेगा।