आजमगढ़ : प्रेमी की शादी में पहुंची प्रेमिकाः मिल गई नौकरी तो भूल गया प्यार

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कोर्ट के आदेश के बावजूद कर रहा था ये काम


आजमगढ़। बिहार में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान जलेसर क्षेत्र के युवक और आजमगढ़ की युवती में नजदीकियां बढ़ीं। युवती को विद्युत विभाग में जेई के पद पर नौकरी मिल गई। इसके बाद दोनों में संबंध भी बने लेकिन दो साल बाद युवक की नौकरी लगी तो उसने रिश्ता खत्म कर दिया। युवती ने उसके विरुद्ध दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया। अदालत ने इस शर्त पर जमानत दी कि वह पीड़िता से विवाह करेगा, लेकिन जमानत के बाद उसने यहां अपने गांव आकर दूसरी शादी रचा डाली। शुक्रवार रात उसके निधौली चौराहा स्थित एक रिसोर्ट में चल रहे विवाह समारोह में पीड़िता ने महिला विकास मंच की पदाधिकारियों के साथ पहुंचकर जमकर हंगामा किया और बरात नहीं चढ़ने दी। महिला विकास मंच की राष्ट्रीय संरक्षक वीणा मानवी ने बताया कि लगभग छह साल पहले प्रयागराज में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के दौरान पीड़िता जलेसर क्षेत्र के गांव रनोसा निवासी एक युवक के संपर्क में आई थी। 2020 में पीड़िता की विद्युत विभाग में जेई के पद पर बिहार में नौकरी लग गई। इसके बाद ये दोनों लोग बिहार के जिला वैशाली में साथ रहे। दोनों ने शादी के वादे किए थे और इसे लेकर युवती ने काफी सपने संजोए थे। 2022 में युवक की भी नौकरी विद्युत विभाग में जेई के पद पर लग गई, लेकिन इसके बाद वह बदल गया। शादी से मना कर दिया। इसे लेकर पीड़िता परेशान रहने लगी। काफी मिन्नतें कीं, लेकिन युवक नहीं माना। परेशान होकर 19 जनवरी, 2024 को पीड़िता ने वैशाली जिले के थाना महुआ में युवक के विरुद्ध दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया। इसमें युवक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। बाद में युवक की ओर से पीड़िता को समझौते का प्रस्ताव भेजा गया, जिसमें शादी की बात कही गई। इस पर पीड़िता तैयार हो गई और उसे इसी शर्त पर बेल दी गई कि वह पीड़िता से विवाह करेगा। इसके लिए उसे एक महीने का समय दिया गया। फरवरी में वह जेल से बाहर आ गया। लेकिन इसके बाद वह पीड़िता से नहीं मिला। फोन पर भी बात नहीं हुई। एक दिन पता लगा कि वह जलेसर थाना क्षेत्र की ही किसी लड़की से शादी कर रहा है। 10 मई को विवाह कार्यक्रम तय था। पीड़िता ने मुझसे संपर्क किया। जिस पर हम लोग उसकी मदद करने के लिए यहां पहुंचे। सीओ जलेसर कृष्ण मुरारी दोहरे का कहना है कि सूचना मिली थी, जिस पर कोतवाली प्रभारी आरके सिंह को फोर्स सहित भेजा गया था। कोतवाली प्रभारी ने बताया कि बिहार से महिला विकास मंच के लोग आए हुए थे, जिसमें शांति व्यवस्था के लिए मैं वहां मौजूद रहा। बिहार के न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन है। अदालत का कोई आदेश या निर्देश नहीं था, ऐसे में कोई कार्रवाई नहीं की गई।

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