लोकसभा चुनाव: गुपचुप तरीके से प्रत्याशी घोषित कर रही है सपा

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आजमगढ़ सहित इन सीटों पर नाम तय, कांग्रेस को मिलेंगी इतनी सीटें
लखनऊ। इंडिया गठबंधन में सीटों के बंटवारे की तमाम अटकलों के बीच सपा खामोशी से अपने प्रत्याशियों को हरी झंडी दे रही है। फतेहपुर से प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल और कटेहरी से विधायक लालजी वर्मा का अंबेडकरनगर से चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। वर्मा बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं। वहीं, गाजीपुर से सपा-बसपा गठबंधन से पिछला लोकसभा चुनाव जीते अफजाल अंसारी पर सपा इस बार दांव लगा सकती है। सूत्रों की मानें तो राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव राय का घोसी संसदीय सीट से चुनाव लड़ना तय है। इसी तरह से फर्रूखाबाद से डॉ. नवल किशोर शाक्य, फैजाबाद से पूर्व मंत्री अवधेश प्रसाद, कौशांबी से इंद्रजीत सरोज और बस्ती से राम प्रताप चौधरी के नाम करीब-करीब तय हैं। ये नेता अपने-अपने क्षेत्रों में जनता के बीच संपर्क भी कर रहे हैं। गोरखपुर से काजल निषाद और सलेमपुर से रमाशंकर विद्यार्थी का टिकट पक्का माना जा रहा है। उन्नाव से पूर्व सांसद अनु टंडन को लड़ाया जा सकता है। इसके अलावा पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव खुद कन्नौज से, शिवपाल यादव आजमगढ़, डिंपल यादव मैनपुरी, धर्मेंद्र यादव बदायूं, अक्षय यादव फिरोजाबाद और एसटी हसन मुरादाबाद से मैदान में उतरेंगे।
अफजाल अंसारी कहते हैं कि बसपा कार्यकर्ता चाहता है कि अगला लोकसभा चुनाव इंडिया गठबंधन में शामिल होकर लड़ा जाए। हालांकि, इस मामले में कोई भी अंतिम निर्णय बसपा सुप्रीमो मायावती को ही लेना है। अगला चुनाव सपा के टिकट पर लड़ने के सवाल पर कहा कि इस बारे में कुछ नहीं कहेंगे। हालांकि, राजनीति में किसी भी संभावना से कभी इन्कार नहीं किया जा सकता। यहां बता दें कि अफजाल अंसारी ने 2004 का लोकसभा चुनाव सपा के टिकट पर लड़कर ही जीता था। यूपी में कांग्रेस को सपा सात लोकसभा सीटें देना चाहती है। सूत्रों का कहना है कि अगर कांग्रेस इससे ज्यादा सीटें मांगती है तो इसका मतलब होगा भाजपा को लाभ पहुंचाना। इसलिए कांग्रेस को अपनी मांग इस तरह रखनी चाहिए जो व्यावहारिक कसौटी पर खरी उतरे।

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