किसी की शादी नहीं बच पाएगी, हरेक का हो जाएगा तलाक

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पति-पत्नी के झगड़े पर हाईकोर्ट ने क्यों कहा ऐसा
इलाहाबाद। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि अगर पति-पत्नी के बीच होने वाले छोटे-छोटे झगड़ों को तलाक कानूनों के तहत क्रूरता के रूप में देखा जाने लगेगा, तब तो कई विवाह टूट जाएंगे और हर कोई इस आधार पर तलाक मांगने लगेगा। जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह और जस्टिस शिव शंकर प्रसाद की खंडपीठ ने तलाक की याचिका को सीधे अनुमति देने के बजाय अलग रह रहे एक विवाहित जोड़े को न्यायिक रूप से अलग होने का निर्देश देते हुए यह टिप्पणी की। याचिका में वादी ने पत्नी पर क्रूरता करने के आरोप लगाए थे। इसके जवाब में पत्नी ने पति पर अवैध वैवाहिक संबंधों में लिप्त रहने का आरोप लगाया था। इसी झगड़े पर अदालत ने यह टिप्पणी की है और हर छोटे झगड़े को क्रूरता मानने से इनकार कर दिया। बता दें कि तलाक कानून के मुताबिक, क्रूरता पति-पत्नी के बीच तलाक का एक मजबूत आधार होता है।
बार एंड बेंच की रिपोर्ट में कहा गया है कि अदालत ने अपने आदेश में कहा है, अगर अदालतें छोटे-छोटे विवादों या घटनाओं को पहचानने और उन पर कार्रवाई करने और उन्हें क्रूरता के तत्वों की पूर्णता के रूप में पढ़ने लगे, तो कई विवाह, जहां पक्षकार अच्छे संबंधों का आनंद नहीं ले रहे हैं, बिना किसी वास्तविक क्रूरता के ही खत्म हो जा सकते हैं। हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि कोई व्यक्ति अपने या अपने जीवनसाथी पर विवाहेतर संबंध रखने का आरोप लगाता है, तो आरोप को स्पष्ट रूप से बताया जाना चाहिए और तलाक की कार्यवाही के दौरान इसे अदालत की कल्पना पर नहीं छोड़ा जाना चाहिए। हाई कोर्ट ने अपने 3 नवंबर के आदेश में कहा, “अवैध संबंध के अस्तित्व का अनुमान लगाने के लिए, इसे अदालत की कल्पना पर नहीं छोड़ा जाना चाहिए। आरोप लगाने वाले पक्ष को तथ्यों के आधार पर लगाने चाहिए। एक पक्ष का दूसरे पक्ष के साथ अवैध संबंध होने का आरोप हर हाल में स्पष्ट होना चाहिए। अदालत जिस जोड़े से जुड़े मामले की सुनवाई कर रही थी, उसकी शादी 2013 में हुई थी। पति ने आरोप लगाया कि उसकी पत्नी ने शादी निभाने से इनकार कर दिया और उसके माता-पिता से लड़ाई की। एक बार पत्नी ने पति को ही चोर कहकर उसका पीछा करने के लिए भीड़ को उकसाया। अदालत को बताया गया कि महिला ने अपने पति के खिलाफ दहेज का मामला भी दायर करवाया है। याचिका में कहा गया है कि दोनों नव दंपति जुलाई 2014 तक साथ रहे लेकिन उसके बाद से साथ नहीं हैं। बाद में, पति ने पत्नी द्वारा क्रूरता का हवाला देते हुए फैमिली कोर्ट से तलाक मांगा। इस बीच पत्नी ने पति पर उसकी भाभी के साथ अवैध संबंध होने का आरोप लगाया। एक पारिवारिक अदालत द्वारा तलाक के लिए पति की याचिका को अनुमति देने से इनकार करने के बाद, उसने हाई कोर्ट के समक्ष अपील दायर की थी।

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