डॉयल 112 की महिला कर्मचारियों की खींच-खींचकर कस्टडी में ली पुलिस

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दो दिन से धरने पर बैठी थी पुलिस कन्ट्रोल रूम-112 की महिला कर्मचारी

लखनऊ। पुलिस कन्ट्रोल रूम-112 के लखनऊ स्थित मुख्यालय में तैनात सैकड़ों महिला कर्मचारी अपना वेतन बढ़ाने और नियुक्ति पत्र तुरन्त देने की मांग करते हुए सोमवार दोपहर काम बंद कर शहीद पथ के पास धरना शुरू कर दिया। ठंड में रात भर धरना देती रहीं। मामला सोशल मीडिया से सुर्खियां बना तो विपक्षी दलों का महिला कर्मचारियों को साथ मिला। इसी बीच मंगलवार को महिला कर्मचारियों को खींच-खींचकर जबरदस्ती हिरासत में लेना शुरू किया गया तो चीख पुकार मच गई। इस चीख पुकार और जोर जबदस्ती का वीडियो सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पोस्ट कर योगी सरकार पर निशाना साधा है। पूछा कि कहीं नाम बदलनेवालों ने ‘आरक्षण’ का नाम ‘हिरासत’ तो नहीं कर दिया है। तंज कसते हुए लिखा कि यही है नारी वंदन। अखिलेश ने एक्स पर डायल 112 की महिला कर्मचारियों का वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा कि अब सुनने में आया है कि ‘डायल 100’ का ठेका भी पोर्ट, एयरपोर्ट, रेल की तरह किसी ‘प्रिय पार्टनर’ को दिया जा रहा है । महिलाओं को आरक्षण देने की बात करने वाले उन्हें हिरासत दे रहे हैं। कहीं नाम बदलनेवालों ने ‘आरक्षण’ का नाम ‘हिरासत’ तो नहीं कर दिया है। इससे कुछ देर पहले भी अखिलेश ने महिला कर्मचारियों के हक में पोस्ट किया। हालांकि अखिलेश ने हर बार डॉयल 112 को डॉयल 100 ही लिखा। पोस्ट के साथ एक संवाद अधिकारी का पत्र पोस्ट करते हुए लिखा कि ये ‘डॉयल 100’ के किसी एक ‘संवाद अधिकारी’ की ‘पीड़ा-पत्र’ नहीं है बल्कि हर एक का है। मुख्यमंत्री जी से मिलने से पहले ही, रात भर ठंड में बैठकर अपनी माँग करने वाली बहन-बेटियों को सुबह हिरासत में ले लिया गया। भाजपा का नारी वंदन का सत्य रूप ‘नारी बंधन’ है। शर्मनाक, निंदनीय, असहनीय!
सोमवार को डॉयल 112 की महिला कर्मचारियों का धरना शुरू होते ही सेवा बाधित होने लगी। करीब चार बजे ये महिला कर्मचारी मुख्यालय के सामने सर्विस लेन में धरने पर बैठ गई। एडीजी, डीसीपी व एडीसीपी ने इन्हें समझाने का प्रयास किया लेकिन इन लोगों ने प्रदर्शन खत्म नहीं किया। महिलाकर्मियों ने पुलिस पर धक्का मुक्की का आरोप लगाया। कहा कि पुलिस ने बिजली सप्लाई बंद कर दी है। स्ट्रीट लाइट तक बंद करा दी गई है। देर रात तक 200 से अधिक महिला कर्मचारी अपनी मांगों पर अड़ी हुई थी। कुछ महिला कर्मचारी धरने में शामिल नहीं हुई जिनके साथ महिला पुलिसकर्मियों ने 112 सेवा का काम संभाला। एडीजी अशोक कुमार व एएसपी हरेन्द्र ने कर्मचारियों को समझाने की कोशिश की पर ये लोग नहीं मानी। कर्मियों ने आरोप लगाया कि पुलिस अफसरों ने कहा कि बैठी रहो धरने पर। उनके पास और लोग है, काम करने के लिये...। इन कर्मियों ने साफ कह दिया कि मांगे पूरी न होने तक धरना नहीं खत्म किया जायेगा। इन लोगों ने एक गर्भवती महिला को भी अंदर रोके रखने का आरोप लगाया है। इन लोगों ने पुलिस अफसरों से नहीं नई कम्पनी के अधिकारियों से बात कराने को कहा ताकि उनकी मांगें पूरी हो सके।
प्रदर्शन में शामिल प्रियंका, दिव्या, पूजा समेत कई महिलाकर्मियों ने बताया कि करीब 650 लोगों को यूपी-112 में कम्युनिकेशन ऑफिसर के पद पर तैनाती दी गई थी। उस समय कन्ट्रोल रूम को मैन पॉवर उपलब्ध कराने का टेंडर टेक महिन्द्रा कम्पनी को दिया गया था। एक नवम्बर से दूसरी कम्पनी वी-विन को टेंडर मिल गया है। ये कम्पनी उन लोगों को हटाकर दूसरी महिला कर्मियों को तैनाती देने की तैयारी कर रही है। इस वजह से न तो इन्हें वेतन के बारे में बताया जा रहा है और न ही कोई नियुक्ति पत्र दिया है। पुलिस अफसर जब इन कर्मचारियों को समझाने आये तो इन लोगों ने मुख्य तीन मांगे रखीं। इनमें पहली मांग थी कि उनका वेतन 11 से 13 हजार है, इसे बढ़ाकर 18 हजार रुपये तुरन्त कर दिया जाये। साथ ही नियुक्त पत्र दिया जाये और उनकी नियुक्ति को स्थायी किया जाये। प्रदर्शनकारी प्रियंका ने बताया कि नई कम्पनी ने नई भर्ती शुरू भी कर दी है।

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