आजमगढ़ : ठगी का नायाब तरीका

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लापता युवक के घर लौटने की आस में गवां बैठे तीन लाख बीस हजार
रिपोर्ट : वेद प्रकाश सिंह 'लल्ला'
आजमगढ़। देश में लंबे समय से हो रहे साइबर अपराध पर रोक लगाने की जुगत में जुटी केंद्र सरकार ने गुरुवार को इस धंधे में सबसे उपयोगी मोबाइल सिम कार्ड की जांच कराने की घोषणा की है। उससे पहले भोली- भाली जनता को अपना शिकार बनाने वाले ठग गिरोह ने अपना पैंतरा बदलना शुरू कर दिया है। आज हम आपको ठगी के एक नए तरीके से रूबरू करा रहे हैं। अब ठगों ने उन परिवारों को अपने जाल में फंसाकर लूटना शुरू कर दिया है जिनके परिवार का कोई सदस्य वर्षों पूर्व लापता हैं।
बात हो रही है शहर कोतवाली क्षेत्र की जहां अनंतपुरा कटरा मोहल्ले में योगी वेश धारण कर आए ठग ने खुद को लगभग 12 वर्ष पूर्व लापता भाई बनकर घर वापसी के नाम पर 3.20 लाख रुपए की चपत लगा दी। हुआ यूं कि अनंतपुरा कटरा निवासी भोनू सोनकर दो पुत्रों में बड़ा मुकेश सोनकर मुंबई में सब्जी का व्यापार करने वाले मामा विनोद सोनकर के यहां रहता था। करीब 12 वर्ष पूर्व मुकेश वहीं से अचानक लापता हो गया। उसकी तलाश के लिए हर जतन किए गए लेकिन उसका पता नहीं चलने पर स्वजन और रिश्तेदार थक-हारकर बैठ गए। बीते अप्रैल महीने में शहर के सराय मंदराज गांव में रहने वाली भोनू सोनकर की भाभी इमरावती देवी के घर पहुंचे योगी वेशधारी युवक ने खुद को लंबे समय से लापता मुकेश सोनकर बताया। उसकी बात से हैरान महिला ने अपने देवर भोनू सोनकर को इसकी जानकारी दी। लापता बेटे के आने की जानकारी के बाद आह्लादित हुआ भोनू का परिवार और काफी संख्या में रहे पड़ोसी भी इमरावती के घर पहुंच गए। वहां जब योगी ने परिवार के सदस्यों के साथ ही रिश्तेदारों के बारे में बताने लगा तो सभी हैरानी के साथ उसे लापता मुकेश ही मान बैठे। कुछ समय बाद जब वह जाने लगा तो वहां मौजूद लोग उसकी मान- मनुहार करने लगे। इसके बाद उसने कहा कि घर लौटने के लिए उसे अपने गुरु से आदेश लेना होगा। काफी मनाने के बाद भी वह नहीं माना और जल्दी घर लौटने का आश्वासन देकर चला गया। कुछ दिन बाद योगी की वेशभूषा में आए लोग भोनू सोनकर से मिले और बताया कि मुकेश को घर लौटने के लिए आश्रम पर छह हजार योगियों को भण्डारा (भोजन) देना होगा, इसके लिए करीब दो लाख रुपए खर्च होंगे। उन सभी ने फोन पर मुकेश और स्वजनों के बीच बात भी कराया। योगियों की बात सुनकर परिवार ने भण्डारे में होने वाले खर्च को देने के लिए हामी भर दी। यहीं से ठगी का खेल शुरू हुआ और उनके द्वारा दिए गए बैंक खाते में मुकेश के छोटे भाई रिकेश सोनकर ने लोगों से कर्ज लेकर बीते 20 अप्रैल को दो लाख रुपए भेज दिया। बात यहीं नहीं रुकी और भण्डारे से पूर्व आश्रम में पूजा के लिए और खर्चे की बात कही गई। भाई को घर लौटने की खुशी में रिकेश ने 25 अप्रैल तक बताए गए बैंक खाते में एक लाख बीस हजार रुपए और भेज दिया। इस बीच मुकेश बने बना ठग परिवार वालों को फोन पर अपनी बातों में उलझाकर घर लौटने और होने वाले खर्च को तांत्रिक विद्या से कमाकर रकम लौटाने का आश्वासन भी देता रहा। ठगों के जाल में फंसकर तीन लाख बीस हजार रुपए गंवा देने के बाद परिवार को खुद के ठगे जाने का एहसास तब हुआ जब वो सभी फोन नंबर अचानक बंद हो गए। ठगी के शिकार हुए रिकेश ने इस बात की शिकायत नजदीकी पुलिस चौकी बदरका के प्रभारी उपनिरीक्षक से की। पुलिस ने जब इस मामले की जांच करना शुरू की तो जानकारी हुई कि इस गिरोह ने कंधरापुर क्षेत्र के सेंहदा ग्राम निवासी एक परिवार तथा मिर्जापुर जिले में भी एक परिवार को अपना शिकार बना चुका है। मामले की जांच कर रही पुलिस उन परिवारों से मिली और उनसे मिली जानकारी और बैंक खाते एवं फोन नंबरों का मिलान किया। हर जगह एक ही बात सामने आई तो जांच में जुटी पुलिस को यह तथ्य हाथ लगा कि जिस बैंक खाते में रुपए मंगाए गए हैं वह कोलकाता का है। पुलिस ठगी के इस गिरोह का सारा ब्यौरा खंगाल चुकी है और ठगों की गिरफ्तारी के लिए गैर प्रांत के लिए रवानगी हेतु पुलिस महानिरीक्षक के यहां अनुमति लेने के लिए बीते 12 अगस्त को आख्या रिपोर्ट प्रेषित कर चुकी है। पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए आईजी के आदेश का इंतजार कर रही है।

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