आजमगढ़: डमरू वादन संग भक्तों ने रिझाया भोलेनाथ को

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सावन के आखिरी सोमवार को श्रद्धालुओं से गुलजार रहे शिवालय
कहीं श्रृंगार संग अर्पित किए छप्पन भोग तो कहीं शिव भजन संग संपन्न हुए भण्डारे
रिपोर्ट-वेद प्रकाश सिंह ‘लल्ला’
आजमगढ़। अधिमास के साथ इस बार लगभग दो महीने के सावन मास में भूत-भावन भगवान शिव को अपनी श्रद्धा अर्पित करने के सुखद अवसर का लाभ भक्तों ने भरपूर उठाया। इस पवित्र मास के आखिरी सोमवार तो कुछ अलग ही नजर आया। शिवालयों पर आस्था की गंगा गजबै हिलोरें ले रही थीं। भोर से ही जलाभिषेक के लिए लगीं कतार मानों कभी टूटेगी ही नहीं लेकिन भक्तों की जिद कत्तई टस से मस नहीं हो रही थी। दोपहर को भीड़ कुछ कम हुई तो व्यवस्था संभालने वाले और सुरक्षा में लगे वर्दीधारी भक्तों को कुछ राहत मिली। शाम ढलने के साथ ही एक बार फिर रोशनी और सुगंधित पुष्प मालाओं से सुशोभित देवाधिदेव महादेव का दरबार अलग छटा बिखेरने लगे।
 कहीं बाबा की नगरी काशी से बुलाए गए डमरू वादन में पारंगत शिव भक्तों की टोली ने तो शमां बांध दिया तो कहीं आकर्षक रूप से किए गए श्रृंगार देख आंखें खुली की खुली रह जा रही थीं। बाबा भंवरनाथ मंदिर में पूजा अर्चना के उपरांत शिव दरबार के गर्भगृह में लटक रहे विभिन्न प्रकार के फलों की श्रृंखला मानो स्वर्ग का एहसास करा रहीं थीं। अंतिम सोमवार को हुआ श्रृंगार कुछ अलग अंदाज में रहा। पुरानी कोतवाली पर तो बर्फानी बाबा की झांकी देख अपने को अमरनाथ गुफा में होने की स्मृति को ताजा कर रही थी। मातबरगंज स्थित शंकर जी मूर्ति पर आकर्षक श्रृंगार के बाद डमरू वादन के साथ आरती और बाबा को अर्पित छप्पन भोग भी कुछ अलग रहा। लालडिग्गी बंधे पर स्थित मनोकामना पूर्ति शिव मंदिर पर भक्तों ने भण्डारे का प्रसाद ग्रहण किया। जिले के सभी शिवालयों पर सावन का अंतिम सोमवार हर्षाेल्लास के साथ मनाए जाने के साथ ही अब सनातनी भाई-बहन के रक्षा संकल्प का त्यौहार रक्षाबंधन की तैयारी में जुट गए।

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