सपा के पूर्व MLC के भतीजे का सुसाइड कांड

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पुलिस की लापरवाही और रसूख ने ली एक और जान
कानपुर। अगर आपके घर में किसी ने पिस्टल से कनपटी पर गोली मारकर सुसाइड कर लिया होगा तो शायद दोबारा पिस्टल को खुलेआम घर में नहीं रखेंगे, या फिर आप पिस्टल का लाइसेंस ही सरेंडर कर देंगे। लेकिन सपा के पूर्व एमएलसी दिलीप सिंह उर्फ कल्लू यादव के घर ऐसा नहीं हुआ।
लाइसेंसी पिस्टल से भाई का सुसाइड होने के बाद भी कोई फर्क नहीं पड़ा। 8 साल बाद फिर उसी पिस्टल से भतीजे ने सुसाइड कर लिया। सुसाइड कांड के बाद पड़ताल में सामने आया कि पूर्व एमएलसी के रसूख और पुलिस की घोर लापरवाही से दोबारा सुसाइड कांड हुआ है।
मूलरूप से कानपुर देहात सिकंदरा के रहने वाले दिलीप सिंह उर्फ कल्लू यादव सपा के पूर्व एमएलसी व कद्दावर नेता हैं। दिलीप सिंह कानपुर के लखनपुर सेल टैक्स दफ्तर वाली रोड पर परिवार के साथ रहते हैं। दिलीप के भतीजे आलोक यादव (19) शुक्रवार दोपहर को कनपटी पर गोली मारकर सुसाइड कर लिया।
मामले की जांच करने नवाबगंज थाने की पुलिस और फोरेंसिक टीम पहुंची तो दंग रह गई। 9 एमएम (प्रतिबंधि) बोर की पिस्टल मौके से बरामद हुई। जांच के दौरान यह भी बात सामने आई कि सितंबर 2015 इसी पिस्टल से एमएलसी के भाई सुभाष यादव ने गोली मारकर सुसाइड कर लिया था। अब सुभाष के बेटे ने सुसाइड किया है।
सुसाइड कांड की जांच कर रहे एसीपी कर्नलगंज अकमल खान ने बताया कि पेरिस की लामा कंपनी की पिस्टल से युवक ने सुसाइड किया है। पिस्टल पर 9 एमएम लिखा हुआ है। जबकि पिस्टल 32 बोर का है। जांच के दौरान 9 एमएम के पिस्टल की बुलेट डालकर देगी गई तो पिस्टल में नहीं लगा। लाइसेंस के मुताबिक पिस्टल आल इंडिया परमिट है। एसीपी का कहना है कि फोरेंसिक जांच की रिपोर्ट आने के बाद ही साफ हो सकेगा कि आखिर पिस्टल कितने बोर की है। प्राथमिक जांच में प्रतिबंधित बोर का पिस्टल नहीं मिला है। गन शॉप वालों से पड़ताल करने पर सामने आया कि बहुत सारे लोग अपनी पिस्टल पर रौब गांठने या खुद को विशेष बताने व जताने के लिए 9 एमएम लिखवा लेते हैं।

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