शूटर की सुरक्षा में इतने पुलिस जवान कि गिन नहीं सकते

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पेशी के दौरान कोर्ट परिसर छावनी में हुआ तब्दील
लखनऊ। संजीव जीवा के शूटर विजय को लखनऊ जिला जेल से पेशी पर लाते समय कोर्ट को छावनी में बदल दिया गया था। भारी पुलिस बल तैनात था। इसी दौरान शाम करीब साढ़े चार बजे विजय को लेकर पुलिस कोर्ट परिसर पहुंची। उसे कड़ी सुरक्षा में पुलिस वाहन से उतारा गया। फिर चारों ओर घेरा बनाकर उसे कोर्ट रूम तक ले जाया गया। घटना के दिन वकीलों ने उसे पकड़ कर काफी पीट दिया था। पुलिस को यह आशंका भी थी कि उस पर वकील फिर हमला कर सकते हैं।
जीवा की हत्या के आरोपित विजय यादव उर्फ आनन्द की कोर्ट ने 15 जून की सुबह 10 से 17 जून की शाम पांच बजे तक रिमाण्ड स्वीकृत की है। पुलिस की अर्जी पर स्पेशल सीजेएम कस्टम साक्षी गर्ग ने कोर्ट में तलब किया था। बुधवार शाम को विजय को भारी सुरक्षा में कोर्ट में पेश किया गया, जहां उसकी रिमाण्ड मंजूर कर ली गई। पुलिस ने उससे कई तथ्य उजागर करने की बात कहकर पांच दिन की रिमाण्ड मांगी थी। इससे पहले सोमवार को पुलिस ने विजय की रिमाण्ड लेने के लिए कोर्ट में अर्जी दी थी। अर्जी में लिखा था कि विजय ने मुंगेर से असलहा लाने की बात कही थी। साथ ही नेपाल में असलम नाम के युवक से जीवा को मारने की 20 लाख रुपये की सुपारी ली थी। इसके बाद पुलिस इस हत्याकाण्ड से जुड़ी कई जानकारियां जुटाने में लगी हुई है।
इस हत्याकाण्ड के मास्टरमाइन्ड ने सारा ताना-बाना कोर्ट गेट से जीवा के दाखिल होने से लेकर कोर्ट रूम तक जाने के बीच ही बुना था। पुलिस अधिकारी भी मान रहे हैं कि इस दौरान वही हुआ, जैसा मास्टरमाइन्ड ने शूटर को बताया था। बस, हत्या के बाद शूटर विजय यादव पकड़ गया...। हालांकि सूत्रों का कहना है कि उसका पकड़ जाना भी पूरी साजिश का एक हिस्सा ही है। अब यह सामने आया है कि जीवा जब पेशी के लिए कोर्ट परिसर में जा रहा था, उस समय उसके साथ चल रहे वकील के हाथ में बुलेट प्रूफ जैकेट थी। उसने ही जीवा को इसे पहनने से मना किया था। यह वकील कौन था, अब पुलिस इसकी पड़ताल कर रही है। यह देखा जा रहा है कि कहीं वकील के वेश में यह कोई और शख्स तो नहीं था। जीवा की सुरक्षा में आए पुलिसकर्मियों ने वकील को पहचानने से इनकार किया है।

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