आजमगढ़ : दस्तक अभियानः जिले में 5.82 लाख घरों का हुआ सर्वेक्षण

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सर्दी, बुखार के मिले 112 मरीज-डीएमओ शेषधर द्विवेदी
रिपोर्ट-वेद प्रकाश सिंह ‘लल्ला’
आजमगढ़। विशेष संचारी रोग नियंत्रण हेतु चलाए गए अभियान के क्रम में जनपद में 17 से 30 अप्रैल तक घर-घर दस्तक अभियान चलाया गया। इस दौरान मच्छरों, गंदगी व अन्य माध्यमों से फैलने वाली संक्रामक बीमारियों को मात देने के लिये घर-घर जाकर आशा कार्यकर्ताओं और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 5,82,842 घरों पर दस्तक दी।अभियान में लोगों को स्वच्छता, पोषणयुक्त भोजन, शुद्ध पेयजल आदि की महत्ता के प्रति जागरूक किया गया। उक्त जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा० आईएन तिवारी ने बुधवार को दी।
इस संबंध में जिला मलेरिया अधिकारी शेषधर द्विवेदी ने बताया कि इस अभियान में गांव में तैनात आशा कार्यकर्ता व आशा संगिनी ने कुल 5,82,842 घरों पर जाकर संचारी रोगों से ग्रसित मरीजों की जानकारी जुटाई एवं साथ कुल 5628 मातृ बैठक की गयी। ग्राम प्रधानों के सहयोग से 170 जगहों पर प्रभात रैली निकली गयी। साथ ही 12,635 स्कूल रैली के माध्यम से जागरूक किया गया। अभियान में सर्दी, बुखार के 112 मरीज पाये गए। भ्रमण के दौरान 10 कुपोषित बच्चे पाये गये। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में 85 जगहों पर फांगिग की गयी। साथ ही कुल 105 टीबी की जांच की गई, जिसमें एक भी मरीज नहीं पाए गए। अभियान में आशा ने लोगों को संचारी रोग से बचाव के उपाय बताए। चिन्हित मरीजों को घर पर ही दवा उपलब्ध कराने के साथ ही गंभीर अवस्था वाले मरीज की सीएचसी में जांच व उपचार कराया गया। आशा संगिनी व आशा ने संचारी रोग अभियान को सफल बनाने में मुख्य भूमिका निभाई है।
डेंगू से रहे सावधान - जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि डेंगू एक वेक्टर जनित बीमारी है। तापमान में वृद्धि के कारण मच्छरों के प्रजनन के लिए यह मौसम अनुकूल होता है और इसके संचरण के कारण डेंगू और चिकनगुनिया के मरीजों में वृद्धि होती है। यह ऐडिज मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर घरों के अंदर व आसपास रुके हुए पानी, साफ पानी में पनपता है, जैसे कूलर के टंकी के पानी में, पक्षियों के पीने के बर्तन में, फ्रिज की ट्रे, फूलदान, नारियल का खोल, टूटे बर्तन, खाली कंटेनर, गमले व टायर आदि में।
डेंगू के सामान्य लक्षण- तेज सिरदर्द व बुखार का होना, मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द, आंखो के पीछे दर्द होना जो कि आंखो को घुमाने से बढ़ता है, जी मिचलाना एवं उल्टी होना, गंभीर मामलों मे नाक, मुंह, मसूड़ों से खून आना व त्वचा पर चकत्ते उभरना आदि।
सावधानी- सप्ताह में एक बार या रविवार को घर में हर जगह, जहां भी साफ पानी का प्रयोग किया जाता है। जैसे कूलर फूलदान, पानी की खुली टंकी, गमले पंक्षियों के पानी पीने के पात्र, फ्रिज की ट्रे, एसी के गिरने वाले पानी की जगह को जरूर साफ करें। ध्यान रहें घर के अंदर या बाहर कहीं भी साफ पानी एकत्रित न होने दें। साथ ही सोते समय मच्छरदानी का नियमित प्रयोग करें। पूरी बांह वाली कमीज और पैंट पहनें।
सलाह - बुखार होने पर तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं और चिकित्सकों की सलाह के अनुसार ही अपना उपचार करें। सामान्य पानी की पट्टी सिर, हाथ-पांव एवं पेट पर रखें। बुखार के समय पानी एवं अन्य तरल पदार्थों जैसे नारियल पानी व ताजे फलों का रस इत्यादि का अधिक सेवन करें।

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