सपा में शुरू हुआ इस्तीफे का दौर, शिवपाल समर्थकों में मची खलबली

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अजय त्रिपाठी मुन्ना सहित कई जिलों में वरिष्ठ पदाधिकारियों ने दिया इस्तीफा
लखनऊ। समाजवादी पार्टी में नगर निकाय चुनाव के टिकट वितरण के बाद इस्तीफे का दौर शुरू हो गया है । पार्टी के शीर्ष नेतृत्व सहित जिला एवं महानगर पदाधिकारियों पर तमाम नेताओं ने गंभीर आरोप लगाए हैं। लखनऊ सहित कई जिलों में धनबल के आरोप आरोप लगे हैं। इससे खिन्न होकर पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेता इस्तीफा देने लगी है। लखनऊ में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लगातार चलने वाले अजय त्रिपाठी मुन्ना ने इस्तीफा दे दिया है । अजय त्रिपाठी मुन्ना प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रदेश महासचिव रहे आर प्रसपा का सपा में विलय होने के बाद वह सपा के साथ हो लिए थे। व्यापारियों पर गहरी पकड़ रखने वाले अजय त्रिपाठी मुन्ना महापौर का भी चुनाव लड़ने की तैयारी किए थे , लेकिन महिला सीट होने के बाद उन्होंने दावा छोड़ दिया था।
अजय त्रिपाठी मुन्ना की ख्वाहिश थी कि उत्तर विधानसभा और कैंट में कम से कम 2 वार्ड में उनके लोगों को टिकट दिया जाए। वह ऐसे लोगों की पैरवी कर रहे थे जो निरंतर शिवपाल सिंह यादव के साथ लगे रहे। इसके लिए उन्होंने पैरवी भी की लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इससे खिन्न होकर सोमवार को पार्टी के सभी दायित्वों से इस्तीफा दे दिया है। इसी तरह मैनपुरी में पूर्व चेयरमैन साधना गुप्ता ने इस्तीफा देकर निर्दल चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। रायबरेली में पूर्व चेयरमैन इलियास और मुजफ्फरनगर में पार्टी के पूर्व महानगर अध्यक्ष डॉक्टर मोहम्मद खुर्रम सहित 128 लोगों ने इस्तीफा दिया है । दूसरी तरफ पूर्व विधायक अमरीश पुष्कर की पत्नी और जिला पंचायत सदस्य विजयलक्ष्मी ने भी समाजवादी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है । पार्टी सूत्रों का कहना है कि विभिन्न जिलों में लगातार इस्तीफे का दौर शुरू हो गया है। यह पार्टी के भविष्य की सियासत के लिए खतरनाक है।
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का समाजवादी पार्टी में विलय होने के बाद शिवपाल सिंह यादव को राष्ट्रीय महासचिव बना दिया गया। उनके समर्थकों में खुशी थी कि देर सवर उन्हें भी संगठन में जगह मिलेगी। यह भी उम्मीद थी कि नगर निकाय चुनाव सहित विभिन्न चुनाव में राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव के साथ निरंतर रहने वाले लोगों की सुनवाई होगी। लेकिन इस चुनाव में शिवपाल समर्थकों को निराशा हाथ लगी है। यह है कि लंबे समय से शिवपाल सिंह यादव के साथ रहने वाले अजय त्रिपाठी मुन्ना ने इस्तीफा दे दिया है। जल्द ही कई अन्य नेता भी किनारा कसने की तैयारी में है। लखनऊ ही नहीं पूर्वांचल के कई जिलों के नेताओं ने भी निकाय चुनाव में शिवपाल सिंह यादव से पैरवी करवाई है। लेकिन सभी को निराशा हाथ लगी। ऐसी स्थिति में शिवपाल समर्थकों में अभी तक जो खुशी का माहौल था वह गम में तब्दील होता नजर आ रहा है।
समाजवादी पार्टी के तमाम नेताओं ने टिकट वितरण में मनमानी का आरोप लगाया है ।पार्टी नेताओं का कहना है कि जिला अध्यक्ष एवं महानगर अध्यक्ष उन लोगों को टिकट दे रहे हैं जो सर्वाधिक चंदा दे रहे हैं, जबकि यह समाजवादी पार्टी की रीति नीति के विपरीत है। इसका विरोध करने पर टिकट वितरण में लगे लोगों का कहना है कि वे प्रदेश अध्यक्ष से बात करें । कई नेताओं ने प्रदेश अध्यक्ष से संपर्क किया लेकिन उन्होंने इस आरोप को नकार दिया है। फिलहाल प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल का कहना है कि पार्टी ने उन्हीं लोगों को टिकट दिया है जो लगातार सक्रिय रहे हैं और जिताऊ उम्मीदवार हैं। टिकट मांगने वालों की संख्या अधिक है। ऐसे में जिन लोगों को टिकट नहीं मिला वे अनर्गल आरोप लगा रहे हैं।
समाजवादी पार्टी के कई नेताओं ने यह भी आरोप लगाया है कि लखनऊ सहित अन्य जिलों में जिला अध्यक्ष एवं महानगर अध्यक्षों ने होटलों में बैठकर देर रात तक टिकट बांटा है। प्रदेश नेतृत्व की दुहाई देकर जिला अध्यक्ष एवं महानगर अध्यक्षों ने मनमानी की है। लखनऊ महानगर में भी बगावत शुरू हो गई है। मीडिया पर भी तमाम नेताओं ने गंभीर आरोप लगाए हैं।

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