आजमगढ़ : पारिवारिक नींव की मजबूती के लिए शौचालय के लिए किया भू-दान

Youth India Times
By -
0

रिपोर्ट-वेद प्रकाश सिंह ‘लल्ला’
आजमगढ़। समय के साथ ही समाज के परिवेश में बदलाव आया और इसका सीधा असर आधुनिक काल और इससे जुड़ी राजनीति में भी देखने को मिला। आजादी के समय देश की राजनीति में विकास और मुद्दे पर खुली बहस होती थी लेकिन समय के साथ राजनीति में जाति और मजहब का दखल होने के साथ ही अपराधीकरण ने भी पांव पसार लिया। इन बातों पर जोर दिया नगर पालिका आजमगढ़ के पूर्व सभासद सुमन कुमार सिंह ने। कालम के लिए बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि आजादी के बाद जिले में म्यूनिसिपल बोर्ड का गठन हुआ जिसके उपरांत अध्यक्ष पद पर शहर तमाम प्रबुद्धजन आसीन हुए। उस श्रृंखला में शहर के रईस हर्षचंद, गंगा प्रसाद राय, सूर्यकांत सिंह, परमेश्वर दयाल, बृजबिहारी लाल, स्व० सूर्यकुमार सिंह (1933-53), नागेश्वर प्रसाद रामश्रृंगार राय अंबिका तिवारी, गया साहू, कन्हैया सिंह,मुनीम राम गुप्ता, माला द्विवेदी, गिरीशचंद्र श्रीवास्तव, इंदिरा जायसवाल एवं शीला श्रीवास्तव जैसी तमाम हस्तियां नगर पालिका अध्यक्ष पद की कुर्सी पर विराजमान रहीं। वर्तमान समय में इस पद पर नगर की जनता अपने इक्कीसवें अध्यक्ष के लिए चुनाव करेगी। इस चुनावी माहौल में अब तक कितना बदलाव आया है इस विषय पर कुछ ऐसे लोगों से रायशुमारी की गई। 

उन्हीं लोगों में शामिल शहर के जमींदार परिवार से जुड़े तथा जिला सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन स्व० त्रिपुरारी पूजन प्रताप सिंह उर्फ बच्चा बाबू के बड़े सुपुत्र सुमन कुमार सिंह एडवोकेट जो वर्ष 2000 से 2005 तक नगर के एलवल वार्ड से सभासद निर्वाचित हुए थे उनसे तब और आज की राजनीति पर खुल कर वार्ता हुई। इस दौरान उन्होंने बताया कि हम लोगों के समय में शहर के विकास के मुद्दे पर जमकर बहस होती थी, उस समय पालिका बोर्ड में जनता अपने क्षेत्र के शिक्षित और जागरूक लोगों का चुनाव करती थी। किसी मुद्दे पर चर्चा के लिए पालिका एक्ट का अध्ययन कर किसी मुद्दे को बोर्ड के पटल पर रखे जाने से पूर्व किसी वरिष्ठ सभासद के आवास पर चिंतन बैठक आयोजित होती थी आज इन सभी बातों का अभाव नजर आता है। जाति-धर्म के चक्कर में लोग एक अच्छे जन प्रतिनिधि का चुनाव करने में हिचक जाते हैं। नगर के विकास के लिए हमारे दादा और पिता जी ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी इसका प्रमाण नगर क्षेत्र में शिक्षा के लिए कई परिषदीय विद्यालयों के निर्माण हेतु भूमि दान रहा है या फिर अन्य कई क्षेत्र जिनसे हमारे परिवार का जुड़ाव होने के कारण हमारे परिवार को गर्व महसूस होता है। जनसेवा के ऐसे तमाम कार्य हमारे परिवार द्वारा किए गए हैं जिन्हें गिनाना मैं उचित नहीं समझता नगर की जनता यह सबकुछ जानती है। मेरे कार्यकाल के दौरान एलवल वार्ड में सबसे बड़ी समस्या लोचई की गली के नाम से विख्यात गली जिसमें क्षेत्र की बहन-बेटियों को खुले में शौच के लिए मजबूर होना रहा। इस समस्या के निदान हेतु इलाके के लोगों का मान रखते हुए मैंने अपने कुटुम्ब की नींव को मजबूती प्रदान करने के लिए आठ बिस्वा नीजी भूमि का दान किया है। क्षेत्र में दो और शौचालयों का निर्माण हेतु मेरे प्रस्ताव पर मुहर लगी और काम पूरा हुआ। तमाम गलियों में सीसी रोड एवं इंटरलाकिंग मार्ग निर्माण, नाली का निर्माण, सार्वजनिक स्थानों पर प्रकाश की समुचित व्यवस्था के साथ ही अन्य विकास कार्य कराए गए। नगर की किसी ज्वलंत समस्या के निस्तारण हेतु पालिका बोर्ड में विभिन्न क्षेत्रों से चुनकर आए सभासदों के साथ बैठक कर उस बात को संजीदगी और मजबूती से सदन में पेश किया जाता था लेकिन आज इन सब बातों की कमी खलती है।

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)