आजमगढ़ : महराजगंज में स्वास्थ्य सुविधाएं राम भरोसे

Youth India Times
By -
0

सीएचसी में रसोईया लगाता है इंजेक्शन, अधीक्षक बोले मेरे द्वारा प्रशिक्षित है कर्मचारी
रिपोर्ट-वेद प्रकाश सिंह ‘लल्ला’
आजमगढ़। प्रदेश सरकार आमजन को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए लाख जतन करे लेकिन सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था राम भरोसे चल रही है। इसका प्रमाण जिले के महराजगंज सीएचसी पर अस्पताल में कार्यरत रसोईए द्वारा मरीजों को इंजेक्शन लगाने वाले अप्रशिक्षित व्यक्ति का सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को देखकर मिलता है। इस अप्रशिक्षित व्यक्ति द्वारा मरीजों को इंजेक्शन लगाने के संबंध में पूछे गए सवाल पर अस्पताल के चिकित्सा प्रभारी का जवाब हैरान करने वाला है। अपनी गलती छिपाने के लिए प्रभारी चिकित्साधिकारी का यह जवाब कि मरीजों की सुविधा के लिए उस कर्मचारी को मेरे द्वारा प्रशिक्षित किया गया है। जवाब सुनकर आप भी चौंक जाएंगे। जनमानस को सुरक्षित व प्रभावी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन द्वारा झोलाछाप डाक्टरों पर पाबंदी लगाने व विशेषज्ञ प्रशिक्षित चिकित्सकों से इलाज कराने के लिए भले ही निर्देश जारी किया जाता है, किंतु स्वास्थ्य महकमा जिनके भरोसे लोगों के सुरक्षित ईलाज की उम्मीद करता है जब वही लोग आम आदमी के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करते हुए इलाज की कमान अप्रशिक्षित हाथों में सौंप दें तो परिणाम का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। ऐसा ही मामला महराजगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर देखने को मिला जहां प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के रसोइए द्वारा लोगों को एंटी रैबीज का इंजेक्शन लगाते हुए वीडियो वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो के संबंध में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा० अविनाश झा से जब पूछा गया तो पहले तो डा० साहब रसोईया द्वारा इंजेक्शन लगाने की बात से साफ इंकार करते हुए इंजेक्शन लगाने की प्रक्रिया पर मीडिया के सवाल को उसके आपत्ति से जोड़ दिया फिर उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हमारे अस्पताल पर मरीजों का बहुत अधिक लोड ऐसे में यदि मेरे द्वारा उससे सेवा ली जा रही हैं तो इसमें बुराई क्या है। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि संबंधित व्यक्ति को मेरे द्वारा प्रशिक्षित किया गया है वह इन्जेक्शन लगा सकता है। सिर्फ इतना ही नहीं अधीक्षक साहब ने तो पत्रकार के सवाल को मुजरिमों की तरह कटघरे में खड़ा करते हुए परशुरामपुर में चिकित्सक न होने की बात करते हुए पत्रकार से ही चिकित्सक की तैनाती कराने की मांग कर दी। पत्रकार के सवाल पर अधीक्षक साहब के जवाब पर जब सवाल खड़ा होने लगा तो वे पत्रकार को अस्पताल आकर सवाल पूछने की बात कहते हुए रसोईया का इंजेक्शन लगाना उचित ठहराया और अस्पताल पर मरीजों की अधिकता का हवाला देते रहे। ऐसे में सवाल उठता है कि स्वास्थ्य केंद्र पर तीन -तीन फार्मासिस्ट और दर्जनों स्वास्थ्य विशेषज्ञों के तैनाती की जरूरत ही क्या है, और ऐसे जिम्मेदार लोग क्षेत्र के चट्टी-चौराहों पर प्रतिस्थापित झोलाछाप डाक्टरों तथा शासन की मंशा के विपरीत संचालित हो रहे चिकित्सालयों व मेडिकल स्टोरों पर आखिर कैसे प्रभावी कार्यवाही करेंगे।

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)