पूर्व सांसद समेत चार के खिलाफ सजा का आदेश बरकरार

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पूर्व सांसद समेत चार के खिलाफ सजा का आदेश बरकरार
बहराइच। अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ व विशेष न्यायाधीश ईसी एक्ट सुरजन सिंह की कोर्ट ने मारपीट से जुड़े एक मामले में पूर्व सांसद सावित्री फूले सहित चार अन्य आरोपियों द्वारा दाखिल अपील को खारिज कर दिया। कोर्ट ने पूर्व सांसद सावित्री बाई फूले समेत चार अन्य के खिलाफ अवर न्यायालय द्वारा जारी एक साल की परिवीक्षा (हैवी बांड) की सजा का आदेश बरकरार रखने का निर्देश भी दिया है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सुनील कुमार जायसवाल ने बताया कि वादी मुकदमा टेकराम ने 29 मार्च 2009 को थाना कोतवाली नानपारा में शिकायत की थी कि उसे सावित्री बाई फूले, अक्षयवर लाल कनौजिया, जाहिद अली और धुनधुन ने थाना क्षेत्र के एक अमरूद के बाग में लाठी डंडों से मारपीट कर धमकाया था। पीड़ित ने बताया था कि उसने घटना के तीन वर्ष पूर्व नकछेद से एक अमरूद का बाग खरीदा था। आरोपी सावित्री बाई व उनके साथियों के साथ उसका बाग को लेकर विवाद चल रहा था। इस मामले में पुलिस ने मारपीट व जान से मारने की धमकी देने का मुकदमा दर्ज किया था। विवेचना अधिकारी ने साक्ष्यों के साथ ही गवाहों के बयान के आधार पर जांच रिपोर्ट अवर न्यायालय में प्रस्तुत की थी। अवर न्यायालय ने 22 अगस्त 2022 को मुकदमे में सुनवाई करते हुए पूर्व सांसद सावित्र बाई फूले समेत चारों नामजद आरोपियों को जान से मारने की धारा से दोषमुक्त करते हुए मारपीट के मामले में परिवीक्षा अधिनियम के तहत 25-25 हजार रुपये के एक-एक निजी बंधपत्र पर एक वर्ष तक आपराधिक घटना से दूर रहने का बांड भरकर रिहा करने का आदेश दिया था। इस दौरान सभी को जिला प्रोबेशन अधिकारी के समक्ष उपस्थित होकर निरंतर अपनी उपस्थित भी दर्ज कराना जरूर होता है। अधिवक्ता जायसवाल ने बताया कि अवर न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ पूर्व सांसद सहित चारों आरोपियों ने अपर सत्र न्यायाधीश व विशेष न्यायाधीश ईसी एक्ट सुरजन सिंह की कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी। विशेष न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद 22 अगस्त 2022 के आदेश को बरकरार रखते हुए पूर्व सांसद आदि की याचिका को खारिज कर दिया। एडीजीसी क्रिमिनल जायसवाल ने बताया कि परिवीक्षा अधिनियम के तहत दी गई सदाचार परिवीक्षा की सजा के दौरान दोष सिद्घ अभियुक्तों को एक वर्ष तक अपराधिक घटना से दूर रहना होगा। इस दौरान सभी को जिला प्रोबेशन अधिकारी के समक्ष उपस्थित होकर निरंतर अपनी उपस्थित दर्ज करानी होगी।

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