क्या मुलायम की 'विरासत' पर सियासत करेंगे शिवपाल, स्पष्ट किया अपना रुख

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मैनपुरी। समाजवादी साइकिल (सपा) के दो पहिए कहे जाने वाले मुलायम सिंह यादव और शिवपाल सिंह यादव ने पहले ही अलग-अलग सियासी राहें चुन ली थीं। लेकिन इसके बाद भी कभी शिवपाल सिंह यादव ने मुलायम सिंह यादव का विरोध नहीं किया। अब जब मुलायम सिंह यादव नहीं हैं, लेकिन शिवपाल ने फिर भी मैनपुरी में मुलायम की विरासत पर सियासत करने से हाथ खींच लिया है। प्रसपा जिलाध्यक्ष व पदाधिकारियों को स्पष्ट कर दिया है कि वह उपचुनाव में मैनपुरी सीट पर प्रत्याशी नहीं उतारेंगे।
मैनपुरी लोकसभा सीट हमेशा से ही समाजवादी पार्टी और मुलायम सिंह यादव के लिए उनका गढ़ रही है। सपा के गठन के बाद दूसरा कोई भी दल कभी इस गढ़ को फतेह नहीं कर सका। 2018 में पारिवारिक मतभेदों के चलते जब मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल यादव ने प्रसपा का गठन कर सियासत की नई राह चुन ली। लेकिन इसके बाद भी शिवपाल सिंह ने 2019 के चुनाव में मुलायम सिंह यादव के सामने प्रसपा का प्रत्याशी उतारने से साफ मना कर दिया था।
माना जा रहा था कि अब जब नेताजी नहीं है तो प्रसपा मैनपुरी सीट पर प्रत्याशी जरूर उतारेगी। कयासों के बीच शिवपाल सिंह ने फिर एक बार ये साफ कर दिया कि केवल नेताजी ही नहीं बल्कि नेताजी की कर्मभूमि मैनपुरी के उपचुनाव में भी वह सियासत नहीं करेंगे। प्रसपा जिलाध्यक्ष वोट सिंह यादव और पदाधिकारियों को शिवपाल सिंह ने सीधे निर्देश दिए हैं कि प्रसपा मैनपुरी सीट पर उपचुनाव नहीं लड़ेगी। ऐसे में एक बार फिर कहीं न कहीं शिवपाल का मुलायम प्रेम लोगों के सामने आया है।

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