मेयर और चेयरमैन की सीटों के आरक्षण में होगा बड़ा उलटफेर

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लखनऊ। नगर विकास विभाग ने निकाय चुनाव के लिए मेयर और अध्यक्ष की सीटों की आरक्षण को लेकर माथा-पच्ची शुरू कर दी है। उत्तर प्रदेश नगर निगम (स्थानों और पदों का आरक्षण और आवंटन) नियमावली में दी गई व्यवस्था का अध्ययन किया जा रहा है। यह माना जा रहा है कि इस बार सीटों के आरक्षण में बड़ा उलटफेर होने जा रहा है।
प्रदेश में इस बार मेयर की 17 सीटों के लिए चुनाव होना है। वर्ष 2017 में 16 सीटों के लिए चुनाव हुआ था। नगर पालिका परिषद 200 और नगर पंचायत की 546 सीटों पर अध्यक्ष का चुनाव होना है। नगर विकास विभाग ने वार्डों के आरक्षण के लिए जिलों को 4 नवंबर तक समय दिया है। शासन यह मानकर चल रहा है कि 6 से 7 नवंबर तक जिलों से वार्ड आरक्षण का प्रस्ताव प्राप्त हो जाएगा। इसके बाद शासन स्तर पर इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।
वार्ड आरक्षण के बाद सीटों के आरक्षण की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। पहले चरण में नगर पंचायत और नगर निगम अध्यक्ष की सीटों के आरक्षण को अंतिम रूप दिया जाएगा। नए निकायों में अधिकतर सीटें आरक्षित होने की संभावना जताई जा रही है। आरक्षित वर्ग की संख्या कम होने के बाद अनारक्षित वर्ग के लिए सीटें आरक्षित की जाएंगी। इसके बाद मेयर की सीटों पर आरक्षण होना है।
शाहजहांपुर में पहली बार मेयर का चुनाव होना है। यह माना जा रहा है कि मेयर की सीटों के आरक्षण में बड़ा उलटफेर होने वाला है। हालांकि अभी यह तय नहीं हो पाया है कि सीटों के आरक्षण के लिए चक्रानुक्रम का फार्मूला रखा जाए या फिर विस्तार होने की वजह से नया मानते हुए आरक्षित किया जाए। उच्च स्तर पर सहमति बनने के बाद ही इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।

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