यूपी बोर्ड के इन स्कूलों को नहीं बनाया जाएगा परीक्षा केंद्र

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प्रयागराज। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज की ओर से वर्ष 2023 में आयोजित होने वाली हाईस्कूल और इण्टरमीडिएट परीक्षा की तैयारी जिला विद्यालय निरीक्षक की ओर से शुरू कर दी गई है। परिषद के वेबसाइट पर 22 अक्तूबर तक प्रधानाचार्यों/प्रबंधकों की ओर से विद्यालयों का आधारभूत ब्योरा अपलोड करने के बाद बोर्ड परीक्षा केन्द्रों के निर्धारण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। शासन और यूपी बोर्ड ने तीन साल तक नकल के लिए चिह्नित विद्यालयों एवं डिबार विद्यालयों को परीक्षा केन्द्र नहीं बनाया जाएगा।
जिन विद्यालयों के प्रधानाचार्यों की ओर से विद्यालय से सम्बंधित समस्त आधारभूत सूचनाएं /आंकड़ों को परिषद की वेबसाइट पर समय से समय से अपलोड नहीं किया गया है अथवा त्रुटिपूर्ण /भ्रामक सूचनाएं अपलोड की है तो सम्बंधित प्रधानाचार्य को इसके लिए जिम्मेदार मानते हुए विद्यालय को परीक्षा केन्द्र की पात्रता सूची से बाहर कर दिया जाएगा। प्रधानाचार्य के खिलाफ परिषद के नियमों के तहत कार्रवाई करने का आदेश बोर्ड ने जारी किया है। इसके प्रबंधतंत्र को भी उत्तरदायी बनाया जाएगा। वर्ष 2019, 2020 एवं 2022 में सचलदल एवं शिक्षा विभाग/ जिला प्रशासन/ एसटीएफ के निरीक्षण/पर्यवेक्षण में अधिकारियों या अन्य माध्यमों से जिन परीक्षा केन्द्रों पर सामूहिक का मामला प्रकाश में आया हो या किसी अनियमितता के कारण परीक्षा निरस्त कर फिर से परीक्षा कराई गई हो या जिन विद्यालयों को इन आधारों के दृष्टिगत डिबार किए जाने का निर्णय लिया गया हो, उन्हें वर्ष 2023 में परीक्षा केन्द्र नहीं बनाया जाएगा।
जिले के जिन वित्तविहीन विद्यालयों के प्रबंधाधिकरण एवं प्रधानाचार्य के बीच विवाद हो उन्हें वर्ष 2023 में परीक्षा केन्द्र नहीं बनाया जाएगा। जिन अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में प्रबंधकीय विवाद हो तथा उनमें नियमानुसार प्राधिकृत नियंत्रक नियुक्त न हो जिससे परीक्षा प्रभावित होने की प्रबल सम्भावना हो, उन्हें वर्ष 2023 में परीक्षा केन्द्र नही बनाया जाएगा। जिन विद्यालयों के परिसर के अन्दर प्रबंधक/ प्रधानाचार्य के आवास तथा छात्रावास निर्मित होंगे उन्हें परीक्षा केन्द्र नहीं बनाया जाएगा। राजकीय और अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों को इस दायरे से अलग रखा जाएगा। विद्यालय अगर दो खण्डों में बना हो तथा उनके बीच सार्वजनिक आवागमन के लिए कोई मुख्य सड़क/सम्पर्क मार्ग बना हो उन्हें असुरक्षित पर्यवेक्षण के दृष्टिगत परीक्षा केन्द्र न बनाया जाए।
यूपी बोर्ड प्रयागराज की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि जिन विद्यालयों की धारण क्षमता एक पाली में 125 से कम हो, उन्हें परीक्षा केन्द्र निर्धारित न किया जाए। राजकीय एवं अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों को इससे छूट रहेगी। इस दायरे में वित्तविहीन विद्यालयों को रखा गया है। जिन विद्यालयों के परीक्षा कक्ष की खिड़कियां सार्वजनिक सड़क या यदि किसी संकीर्ण गली में खुलती हों, उन्हें असुरक्षित पर्यवेक्षण की दृष्टि से परीक्षा केन्द्र निर्धारित नही किया जाएगा। इसमें भी राजकीय और अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों को छूट प्रदान की गई है।
वर्ष 2022 की परीक्षा में जिन वित्तविहीन मान्यता प्राप्त विद्यालयों में पंजीकृत परीक्षार्थियों के सापेक्ष सम्पूर्ण बोर्ड परीक्षा में अनुपस्थित रहने वाले कुल परीक्षार्थियों का प्रतिशत 30 प्रतिशत या अधिक रहा है। ऐसे विद्यालयों को परीक्षा केन्द्र नहीं बनाया जाएगा। वर्ष 2023 की परीक्षा के लिए जिन वित्तविहीन मान्यता प्राप्त विद्यालयों में हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट के कुल परीक्षार्थियों की संख्या 80 से कम होगी। उन्हें परीक्षा केन्द नहीं बनाया जाएगा।
परीक्षा केन्द्र निर्धारण के लिए सबसे पहले मानक पूरा करने वाले राजकीय विद्यालयों को, इसके बाद अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों को तथा सबसे आखिरी में वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालयों को उनको मेरिट गुणांक के अनुसार परीक्षा केन्द्र बनाया जाएगा। परीक्षा केन्द्र निर्धारण के लिए प्रस्तर ब के अनुसार अनिवार्य अर्हता रखने वाले राजकीय विद्यालयों में उनकी मेरिट के अनुसार सबसे पहले न्यूनतम गुणांक वाले वित्तविहीन विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को आवंटित किया जाएगा। इसके बाद इसी प्रक्रिया को अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में भी सबसे पहले न्यूनतम गुणांक वाले वित्तविहीन विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को आवंटित किया जाएगा। मानक के हिसाब से राजकीय व सवित्त पोषित विद्यालयों को परीक्षा केन्द्र बनाए जाने के बाद आवश्यकतानुसार वित्तविहीन विद्यालयों में से सबसे उच्च गुणांक वाले विद्यालयों को परीक्षा केन्द्र बनाया जाएगा।

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