प्रमुख सचिव गृह का फर्जी हस्ताक्षर बनाकर डीजीपी को भेजा लेटर

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लखनऊ। सरकारी खर्च पर सुरक्षा के लिए गनर हासिल करने के लिए प्रमुख सचिव गृह के फर्जी हस्ताक्षर बना कर पत्र भेजा गया। पुलिस महानिदेशक कार्यालय में डाक से यह पत्र पहुंचा। लिफाफा खोले जाने पर फर्जी हस्ताक्षर और मोहर का इस्तेमाल किए जाने का पता चला। जिसके आधार पर हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया है। फर्जी तरीके से तैयार किए गए पत्र में खुर्रमनगर निवासी नदीम आजमी और अब्दुल माजिद को दो-दो सुरक्षा कर्मी उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। पत्र में लिखा है कि नदीम और अब्दुल जमीन खरीद-फरोख्त का काम करते हैं। दोनों की कई लोगों से दुश्मनी है। 15 दिन के अन्दर सुरक्षा कर्मी उपलब्ध कराते हुए रिपोर्ट प्रमुख सचिव गृह कार्यालय भेजने की बात भी पत्र में लिखी है। पुलिस महानिदेशक को संबोधित किए गए लेटर में लगी मोहर और हस्ताक्षर का मिलान कराए जाने पर वह फर्जी साबित हुए हैं। जिसके बाद डीसीपी मध्य अपर्णा रजत कौशिक को जांच करने के निर्देश दिए गए थे। इस आधार पर हजरतगंज कोतवाली में वरिष्ठ उपनिरीक्षक दया शंकर द्विवेदी ने धोखाधड़ी, जाली दस्तावेज बनाने और सरकारी कार्य में बाधा डालने की धारा में एफआईआर दर्ज हुई है। 24 सितंबर को प्रमुख सचिव गृह के नाम से फर्जी लेटर गोलागंज स्थित डाकघर से पोस्ट किया गया था। पत्र में भेजने वाले का पता नहीं लिखा है। जो दो नाम लिखे हैं। उनसे भी पूछताछ की गई है। शुरुआती जांच में दूसरे को फंसाने के लिए फर्जी लेटर बनाए जाने की बात सामने आई है। रजिस्टर्ड डाक से फर्जी पत्र बना कर किसने भेजा है। इसकी पड़ताल पुलिस कर रही है।

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