आजमगढ़ : श्रद्धा पूर्वक दी गई पितृदेवों को विदाई

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काग, श्वान एवं गौग्रास अर्पित कर ब्राम्हण देव से लिया आशीर्वाद
रिपोर्ट- वेद प्रकाश सिंह
आजमगढ़। सर्वपितृ विसर्जन की अमावस्या तिथि पर रविवार को श्रद्धालुओं ने घरों तथा नदी व सरोवरों के किनारे पिंडदान कर श्रद्धा पूर्वक पितरों की विदा किया। इस मौके पर आस्थावान लोग नदी तट, सरोवरों के किनारे तथा अपने घरों पर यथाशक्ति अनुष्ठान कर पितृपक्ष का कार्यक्रम संपन्न किया।
पित्र पक्ष के अंतिम दिन रविवार को तमसा नदी के तट पर स्थित शहर के गौरीशंकर घाट पर जुटे आस्थावानों ने कर्मकांड के ज्ञाता पुरोहित द्वारा कराए गए वैदिक मंत्रोच्चार के साथ श्रद्धा पूर्वक पिंडदान किया। नदी तट पर स्थित घाट की सीढ़ियां पिंडदान करने वालों से खचाखच भरी हुई थीं। पिंडदान करने वालों की संख्या अधिक होने की वजह से दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सुबह से ही लोग पिंडदान की पूरी तैयारी कर आवश्यक सामग्री के साथ नदी तट पर पहुंचने लगे थे। वहां मौजूद पुरोहित द्वारा बारी- बारी से लोगों को कतार में बैठाकर पिंडदान से संबंधित अनुष्ठान कराया जा रहा था। तमाम लोग अपने कुल पुरोहित के माध्यम से त्रिपिंडी एवं नारायण बलि का अनुष्ठान कराते हुए अपने पितरों को स्मरण किए। श्रद्धालुओं ने पिंडदान क्रिया संपन्न कराने के बाद यथाशक्ति पुरोहित को दान कर उनके चरण छूकर आशीर्वाद लिया और अपने घर पहुंचे। घर पर श्रद्धा पूर्वक बनाए गए स्वादिष्ट पकवानों को पितरों के रूप में मान्य स्वान (कुत्ता), कागा (कौवा) और गौमाता को पितरों के नाम पर निकाले गए भोजन को ग्रहण करा कर खुद सुस्वादु व्यंजनों का आनंद लिया। इस तरह इस बार महालया की अमावस्या तिथि को पितृपक्ष समापन के बाद श्रद्धालुजन सोमवार को शुरू होने वाले शारदीय नवरात्र की तैयारी में जुट गए।

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