भाजपाइयों में भी अब ‘चौधरी’ बनने की चाहत, शुरू हुई लॉबिंग

Youth India Times
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लखनऊ। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में भूपेंद्र की ताजपोशी के बाद अब पार्टी कार्यकर्ताओं में भी चौधरी बनने की हसरतें प्रबल हो चली हैं। वे भी संगठन से लेकर सरकार में भागीदारी चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने भागदौड़ भी शुरू कर दी है। नये प्रदेश महामंत्री संगठन और प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के साथ ही पार्टी में कई अटके पड़े काम भी अब आगे बढ़ सकेंगे।
प्रदेश में योगी सरकार रिपीट होने के साथ ही पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने विभिन्न निगमों और बोर्डों में समायोजन के लिए प्रयास शुरू कर दिए थे। निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह सरकार का हिस्सा हो गए थे और चुनाव बाद से ही पूर्व प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल के जाने की चर्चाएं शुरू हो गई थीं। ऐसे में सभी को संगठन के दोनों प्रमुख पदों पर नयी नियुक्तियों का इंतजार था।
अब भूपेंद्र चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष और धर्मपाल सिंह को प्रदेश महामंत्री संगठन का जिम्मा मिल चुका है। ऐसे में पद पाने की चाह रखने वाले तमाम पार्टी कार्यकर्ताओं ने लखनऊ-दिल्ली की दौड़ शुरू कर दी है
दरअसल मनोनयन कोटे की खाली हुई छह विधान परिषद सीटों के लिए चेहरों का चयन होना है। इनका पैनल केंद्रीय संसदीय बोर्ड को भेजा जाएगा। अगले साल फरवरी में रिक्त हो रहीं शिक्षक और स्नातक कोटे की सीटों के लिए भी प्रत्याशी तय होने हैं। सपा इनमें से कई सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान भी कर चुकी है। इसके अलावा तमाम निगम और बोर्डों में भी कार्यकर्ताओं को समायोजित किया जाना है। इन सबके अलावा जिलों और क्षेत्र से लेकर प्रदेश स्तर तक के संगठन को नये सिरे से मथा जाना है। नये प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी पहले अपनी टीम बनाएंगे। फिर क्षेत्रीय स्तर पर बदलाव होंगे। इस बदलाव का असर पार्टी के विभिन्न मोर्चों पर भी आने वाले महीनों में दिखाई देगा। प्रदेश में बदलाव के साथ ही ऐसे तमाम चेहरे भी सक्रिय हो गए हैं, जिनकी पूर्व में दाल नहीं गल पा रही थी।

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