योगी सरकार की सख्ती : 79 लाख फर्जी खातों को बंद करने के आदेश

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विभिन्न लाभार्थी योजनाओं में बड़े पैमाने पर हो रही थी जालसाजी, बचेंगे 8062 करोड़
लखनऊ। केंद्र और राज्य सरकार की ओर से प्रदेश की करीब 34 फीसदी से ज्यादा आबादी के लिए चल रहीं विभिन्न लाभार्थी योजनाओं में बड़े पैमाने पर जालसाजी का खुलासा हुआ है। प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न लाभार्थी योजनाओं की स्क्रीनिंग में पता चला है कि पूर्ववर्ती सरकारों में जालसाज साठगांठ कर सरकार को करीब 8062 करोड़ रुपये से ज्यादा का चूना लगा रहे थे। यह रकम 79 लाख से ज्यादा ऐसे बैंक खातों में जा रही थी, जिनका कुछ अता-पता नहीं था। राज्य सरकार ने ऐसे सभी फर्जी खातों में रकम भेजने पर रोक लगा दी है।
प्रदेश सरकार केंद्र व राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित 30 विभागों की लगभग 167 लाभार्थी योजनाएं चला रही है। इन विभागों में समाज कल्याण, खाद एवं रसद, शिक्षा, मत्स्य, चिकित्सा शिक्षा, श्रम, परिवार कल्याण , महिला कल्याण आदि शामिल हैं। योगी सरकार आने के बाद सीधे बैंक खातों में यानी डीबीटी के जरिये रकम देने का सिलसिला शुरू हुआ। राज्य सरकार के निर्देश पर बीते पांच सालों में लगातार सामूहिक केवाईसी, राशन कार्डों की जांच, पेंशन खातों के साथ छात्रवृत्ति की जांच के बाद बैंकों द्वारा दी जाने लगी। अब तक की जांच में पता चला है कि सिर्फ 11 विभागों की योजनाओं में ही पिछली सरकारों में 8062 करोड़ रुपये की गड़बड़ी हुई थी। नतीजतन, राज्य सरकार ने 79 लाख 8 हजार 682 लोगों के फर्जी खातों में योजनाओं की रकम भेजने पर रोक लगा दी। यह बीते पांच साल की लगातार निगरानी के चलते हुआ।

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