माफिया से डरकर अफसरों ने की तबादले की मांग

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लखनऊ। पांच दिन पहले हुई एक वारदात से परिवहन महकमा सहम गया है। 21 जून को तड़के चेकिंग के दौरान सुल्तानपुर रोड पर डग्गामार बस ने यात्रीकर अधिकारी (पीटीओ) के ड्राइवर को कुचलकर जान ले ली। घटना के पीछे डग्गामार बस माफिया का हाथ होने की आशंका है। इसके बाद परिवहन अफसर दहशत में हैं। वाहन चेकिंग में शामिल कई अफसरों ने तबादले की अर्जी लगा दी है। हालांकि अर्जी में ज्यादातर ने निजी कारण गिनाए हैं, लेकिन अंदरखाने की खबर है कि घटना के बाद से सभी सहमे हुए हैं। पता चला है कि प्रवर्तन दस्ते में शामिल कई अफसरों को बस माफिया ने धमकी दी है। इसमें कई बस ऑपरेटर का काम देखने वाले दबंग शामिल हैं।
पिछले दिनों शासन के एक आदेश पर पूरे प्रदेश में डग्गामार बसों के खिलाफ अभियान चलाया गया था। ज्यादातर बगैर परमिट बसें रात में गुजरती हैं, इस नाते अफसरों को रातभर दौड़ना पड़ा। पता चला कि कई के खिलाफ जब कार्रवाई हुई तो अलग-अलग तरह से दबाव और धमकी के दौर भी शुरू हो गए। धमकी की बातें तो आ रहीं लेकिन किसी ने मुकदमा दर्ज नहीं कराया। पुलिस को भी कोई सूचना नहीं दी। अलबत्ता तबादले के लिए आवेदन जरूर कर दिया। अनुरोध वालों में लखनऊ, सीतापुर, उन्नाव, रायबरेली, लखीमपुर, हरदोई के एक दर्जन आरटीओ, एआरटीओ, यात्रीकर अधिकारी हैं।
अफसर चाहते हैं प्रशासनिक काम: चेकिंग में शामिल कई एआरटीओ अब प्रवर्तन कार्य से अलग रहना चाहते हैं। वाहन चेकिंग के बजाय दफ्तर में काम करना चाहते हैं। कुछ ने अर्जी में लिखा है कि उन्हें प्रशासनिक काम दे दिया जाए। अधिकारियों ने प्रशासनिक पदों पर तैनाती के लिए शासन से गुजारिश की है। अपर परिवहन आयुक्त, (प्रवर्तन), वीके सोनकिया ने कहा कि कुछ अधिकारियों को धमकियां दी गई हैं लेकिन ये सामान्य बात है। सरकारी काम में बाधा पहुंचाने वालों पर केस दर्ज कराएंगे। अनाधिकृत बस मालिक चाहे जितनी भी धमकियां दें, प्रदेशभर में चेकिंग अभियान नहीं रुकेगा।

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