पीडब्ल्यूडी के 112 जेई का होगा डिमोशन, रिव्यू कमेटी ने रिपोर्ट सौंपी

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लखनऊ। दूरस्थ शिक्षा तथा अन्य निजी संस्थानों से हासिल डिप्लोमा के सहारे लिपिक (बाबू) से पदोन्नति पाकर अवर अभियंता बनने वाले लोक निर्माण विभाग के 112 कार्मिकों को पदावनत कर फिर से लिपिक बनाने का फैसला हो सकता है। गलत डिग्रियों के सहारे पदोन्नति के इस मामले की जांच कर रही प्रमुख अभियंता एके श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली रिव्यू कमेटी ने रिपोर्ट सोमवार की शाम को विभागाध्यक्ष को सौंप दी है। मिली जानकारी के मुताबिक 2013 में बनी नियमावली में लोक निर्माण विभाग में यह व्यवस्था हो गई कि अवर अभियंता रिक्त पदों पर पांच फीसदी पद लिपिकों (बाबुओं) की पदोन्नति से भरी जाएगी। जिसके बाद वर्ष 2016 में 124 लिपिक पदोन्नति पाकर अवर अभियंता (जेई) बने थे। पदोन्नति के बाद इनके डिप्लोमा फर्जी होने की शिकायतें शासन को मिली थीं। तत्कालीन मुख्य अभियंता एचएन पांडेय की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में 112 के डिप्लोमा को अमान्य पाया था। लंबे अंतराल तक इस कमेटी की रिपोर्ट को विभाग के स्तर पर दबाए रखा गया था।
प्रमुख अभियंता नितिन रमेश गोकर्ण की आपत्ति और आदेश के बाद विभाग ने पांडेय कमेटी की रिपोर्ट का अध्ययन करने और फाइनल रिपोर्ट देने के लिए प्रमुख अभियंता एके श्रीवास्तव की अध्यक्षता में रिव्यू कमेटी बनाई थी। रिव्यू कमेटी ने पांडेय कमेटी की जांच में उजागर किए गए अधिकांश बिंदुओं को सही पाया है। जिसके आधार पर अपनी रिपोर्ट तैयार किया है। रिव्यू कमेटी से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक सोमवार की शाम को हस्ताक्षरित रिपोर्ट विभागाध्यक्ष के पास बढ़ा दी गई थी।

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