छह पुलिसकर्मियों पर हत्या का आरोप

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सीबीआई ने लखनऊ कोर्ट में दाखिल की चार्जशीट

गोरखपुर। कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की हत्या मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने लखनऊ की सीबीआई अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी है। सीबीआई ने रामगढ़ताल थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर जयनारायण सिंह (जेएन सिंह) व चौकी प्रभारी दरोगा अक्षय मिश्रा सहित छह पुलिस कर्मियों को हत्या, गंभीर उत्तेजना के साथ आपराधिक बल का प्रयोग करना, एक समान इरादे से सभी के द्वारा किया गया आपराधिक कृत्य समेत अन्य गंभीर मामलों में आरोपित बनाया है। इसकी जानकारी गोरखपुर की सीजेएम कोर्ट को भी दी गई है। हालांकि, चार्जशीट की कोई भी प्रति सीजेएम कोर्ट में दाखिल नहीं की गई है।
सीबीआई पिछले तीन माह से जांच में जुटी थी। 90 दिन पूरा होने के एक दिन पहले ही सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल कर दी। सीबीआई ने मामले में 21 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए हैं। जांच में जेएन सिंह एंड कंपनी को सुनियोजित तरीके से घटना वाले दिन होटल में जाने के साक्ष्य मिले हैं। इसी आधार पर जांच टीम ने आरोपियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया था। टीम ने पाया कि जेएन सिंह के अलावा अन्य लोग भी इस घटना में बराबर से सहयोगी हैं। इसी आधार पर सभी आरोपितों को हत्या व अन्य गंभीर धाराओं में आरोपी बनाया गया है।
कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की पुलिसकर्मियों की पिटाई से मौत का यह मामला पूरे देश में गूंजा था। कानपुर पुलिस-प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगने पर, राज्य सरकार ने मामले की जांच कानपुर पुलिस से कराई थी। कानपुर की पुलिस ने एसआईटी गठित कर जांच शुरू की थी। पीड़ित पक्ष की मांग पर बाद में सरकार ने केंद्र से सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी थी।
मनीष हत्याकांड की जांच, पहले गोरखपुर पुलिस, फिर कानपुर की एसआईटी ने डेढ़ माह की। एसआईटी ने गोरखपुर में 21 गवाह तैयार किए थे। इसमें निजी अस्पताल के चिकित्सक, बीएमएस चिकित्सक, मेडिकल कॉलेज की टीम, थाने पर तैनात तत्कालीन पुलिसकर्मी, रात्रि प्रभारी थाना इंचार्ज, होटल कर्मी, होटल मालिक, मनीष के दोस्त समेत अन्य लोग थे। एसआइटी ने भी अपनी जांच रिपोर्ट में जेएन सिंह एंड कंपनी को आरोपी बताया था।

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