भाजपा ने सपा-बसपा को फिर दिया झटका

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पूर्व विधायक सहित कई नेता ने थामा भाजपा का दामन
बलिया, मऊ, गाजीपुर से लगभग एक दर्जन नेताओं ने ली भाजपा की सदस्यता
लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे नेताओं का पाला बदल तेज हो रहा है। भाजपा ने मंगलवार को एक बार फिर सपा-बसपा को झटका देते हुए कई नेताओं को पार्टी में शामिल किया है। इनमें सबसे बड़ा नाम चार बार के पूर्व विधायक बसपा नेता जगपाल सिंह का नाम शामिल है। भाजपा ने पूर्वांचल से लेकर पश्चिमी यूपी तक के कई नेताओं को पार्टी में शामिल किया है। पूर्वांचल के बलिया, मऊ, गाजीपुर से लगभग एक दर्जन नेताओं ने भाजपा की सदस्यता ली है। आठ बीएसपी नेताओं ने भाजपा का दामन थामा है। पूर्व विधायक जगपाल सिंह के अलावा बलिया के बसपा नेता छट्ठू राम, अजय कुमार, देवरिया के अमरेश कुमार सिंह, सपा नेता राना दिनेश प्रताप सिंह ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है।
इससे पहले रविवार को सपा सरकार में मंत्री रहे गाजीपुर के पूर्व मंत्री विजय मिश्रा सहित कई नेताओं ने भाजपा का दामन थामा था। जो लोग भाजपा में शामिल हुए उनमें पूर्व मंत्री जय नारायण तिवारी सुल्तानपुर सपा से, मनोज दिवाकर बसपा नेता कानपुर से, जगदेव बसपा के पूर्व जिलाध्यक्ष, अशोक कुमार सिंह पूर्व आईएएस, राम शिरोमणि शुक्ला कांग्रेस के पूर्व विधायक, धर्मेंद्र पांडेय उन्नाव से बसपा नेता, मदन गौतम पूर्व विधायक ओरैया से बसपा से, कुंवर अभिमन्यु सिंह अयोध्या से समाजसेवी शामिल हुए थे।
बसपा का गढ़ कहे जाने वाले जनपद सहारनपुर में बसपा को झटके पर झटके लग रहे हैं। हरौड़ा (वर्तमान में सहारनपुर देहात) से तीन बार विधायक चुने गए जगपाल सिंह भाजपा में शामिल हो गए। हरौड़ा विधानसभा सीट से वर्ष 1997 का चुनाव जीतकर मायावती गठबंधन की सरकार में मुख्यमंत्री बनी थीं। सरकार गिर जाने के कारण जब मायावती ने इस सीट से इस्तीफा दिया तो उनके प्रतिनिधि के रूप में जगपाल सिंह पहली बार बसपा के टिकट पर उप चुनाव लड़कर विधायक निर्वाचित हुए थे। वर्ष 2002 में हुए चुनाव में भी इस सीट से बसपा सुप्रीमों मायावती चुनाव लड़ी और प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी थी। मगर बाद में मायावती द्वारा इस्तीफा दिये जाने के कारण इस सीट पर वर्ष 2003 में हुए उपचुनाव में जगपाल सिंह फिर चुनाव लड़े मगर वह चुनाव हार गए थे। इसके बाद वर्ष 2007 और वर्ष 2012 में सामान्य हुई इस सीट पर लगातार जगपाल सिंह विधायक चुने गए। वर्ष 2017 में हुए चुनाव में जगपाल सिंह मामूली अंतर से कांग्रेस के मसूद अख्तर से चुनाव हार गए। इसके बाद से जिले में बसपा में लगातार उथल-पुथल मची है और एक-एक कर बसपा के कई बड़े नेता पार्टी छोड़ दूसरी पार्टियों में शामिल हो रहे हैं।

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