खुलेआम घूम रहा भगोड़ा पूर्व सांसद धनंजय सिंह

Youth India Times
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जिसको पुलिस 5 महीने से तलाश रही, वो जौनपुर एसपी आवास के बगल में मैच देखता रहा
जौनपुर। जौनपुर के इनामी बदमाश और पूर्व सांसद धनंजय सिंह भगोड़ा घोषित है। यूपी पुलिस 5 महीने से उसकी तलाश कर रही है। लेकिन वह खुलेआम घूम रहा है। यहां तक की सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी शामिल हो रहा है। रविवार को तो धनंजय सिंह जौनपुर एसपी आवास से मात्र 300 मीटर दूर उमानाथ सिंह स्टेडियम में क्रिकेट मैच देखते नजर आया। यही नहीं, उसने स्टेडियम में मैच का उद्घाटन किया और मैच खत्म होने के बाद खिलाड़ियों को इनाम दिए। इसके बावजूद पुलिस उसे पकड़ नहीं पा रही है।

दरअसल, लखनऊ के बहुचर्चित अजीत सिंह हत्याकांड में जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह का नाम भी शामिल है। इस मामले में पुलिस ने धनंजय सिंह पर 25 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया है। कुर्की तक आदेश भी हो चुका है। पिछले कई महीनों में पुलिस ने धनंजय सिंह की तलाश में उनके घर पर छापेमारी की। लेकिन ये महज औपचारिकता थी। रविवार दोपहर में भी वह धड़ल्ले से मैच देखते रहा, लेकिन यूपी पुलिस इतनी मुस्तैद है कि उसे भनक तक नहीं लगी। क्रिकेट टूर्नामेंट के इनविटेशन कार्ड पर कहीं भी धनंजय सिंह का नाम नहीं लिखा गया है। मामला सामने आने के बाद आयोजक अब बात भी नहीं कर रहे हैं। क्रिकेट टूर्नामेंट के इनविटेशन कार्ड पर कहीं भी धनंजय सिंह का नाम नहीं लिखा गया है। मामला सामने आने के बाद आयोजक अब बात भी नहीं कर रहे हैं।
जौनपुर पुलिस इस मामले में आंखों में पट्टी डालकर बैठी हुई है। यह कोई पहली बार नहीं है। जब इनाम घोषित होने के बाद बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह सार्वजनिक कार्यक्रमों में नजर आया है। इनाम घोषित होने के बावजूद वह जनता के बीच है। फरार होने के दौरान धनंजय ने अपनी पत्नी श्रीकला रेड्डी को जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर चुनाव भी जितवाया। इस बार क्रिकेट मैच में फोटो सेशन भी करवाया। बस वह पुलिस को ही नजर नहीं आ रहा है।
पूर्व सांसद धनंजय सिंह साल 2017 में जौनपुर के खुटहन थाने में दर्ज पुराने मामले में जमानत काटकर 5 मार्च को प्रयागराज की एमपी/एमएलए कोर्ट में हाजिर हुआ था, जहां से उसे नैनी जेल भेज दिया गया था, लेकिन उसने नैनी जेल में अपनी जान को खतरा बताया। इसके बाद उसे 11 मार्च फतेहगढ़ जेल ट्रांसफर कर दिया गया था। जहां तीन हफ्ते रहने के बाद उसे 31 मार्च को जमानत मिली। इसके बाद वह गुपचुप तरीके से अपने समर्थकों के साथ निकल गया। तब से पुलिस उसकी तलाश में है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 25 हजार के इनामी धनंजय सिंह को 6 जुलाई 2021 को भगोड़ा घोषित कर दिया था। जिसके बाद पुलिस ने उनके घर पर 82 का नोटिस भी चस्पा किया था। धनंजय सिंह पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह हत्याकांड में आरोपी है। कोर्ट ने धनंजय की एफआईआर निरस्त करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने धनंजय को दो हफ्ते में सरेंडर करने का आदेश दिया था, लेकिन धनंजय सिंह कोर्ट में अभी तक हाजिर नहीं हुआ है।
बीते 5 जनवरी 2021 को राजधानी के विभूति खंड थाना क्षेत्र के पॉश इलाके कठौता चौराहे पर मऊ जिले के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस दौरान अजीत का साथी मोहर सिंह व एक फूड डिलीवरी कंपनी का कर्मचारी घायल हुआ था। इस प्रकरण में आजमगढ़ के बाहुबली कुंटू सिंह, अखंड सिंह के अलावा गिरधारी के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस ने इस शूटआउट में तीन मददगारों को दबोचा था। जबकि शूटर संदीप सिंह को भी पकड़ा जा चुका है। पुलिस की जांच में सामने आया था कि रंगदारी और वर्चस्व को लेकर धनंजय सिंह ने ही हत्या करवाई है। पुलिस ने इस मामले में मुख्य शूटर गिरधारी उर्फ कन्हैया को पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था। वहीं ध्रुव सिंह, अखंड सिंह, संदीप सिंह बाबा, मुस्तफा उर्फ बंटी, राजेश तोमर, शिवेंद्र उर्फ अंकुर अपराधियों की मदद करने वाले बंधन सिंह, प्रिंस सिंह और रेहान को गिरफ्तार किया गया। पुलिस धनंजय को तलाश करने का दावा कर रही थी।

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