उप्र और हरियाणा में भी लगे लाकडाउन

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प्रदूषण से निपटने को दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में रखी मांग
नई दिल्ली। दिल्ली में जानलेवा वायु प्रदूषण से निपटने के लिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लाकडाउन जैसे प्रतिबंध लागू किये गए हैं। जल्दी है दिल्ली से सटे यूपी और हरियाणा में भी लाकडाउन जैसे प्रतिबंध लागू किये जा सकते हैं। दरअसल दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है कि वह प्रदूषण से निपटने के लिए संपूर्ण लॉकडाउन को तैयार है। केजरीवाल सरकार ने हलफनामे में ये भी मांग रखी है कि दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश व हरियाणा के हिस्से में भी संपूर्ण लाकडाउन लागू कराया जाए। तभी दिल्ली में छाए जानलेवा प्रदूषण से राहत मिल सकती है।
मालूम हो कि दिल्ली-एनसीआर में दिवाली के बाद से प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक स्तर पर चल रहा है। दिल्ली में प्रदूषण संबंधित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को दिल्ली-एनसीआर में लाकडाउन लगाने का सुझाव दिया था। इसके तुरंत बाद दिल्ली सरकार ने प्रदूषण पर आपात बैठक कर लॉकडाउन जैसे प्रतिबंधों की घोषणा कर दी थी। हालांकि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शामिल यूपी व हरियाणा में अब तक कड़े लाकडाउन जैसे प्रतिबंध लागू नहीं किये गए हैं। लिहाजा दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर एनसीआर के अन्य शहरों में भी लॉकडाउन लगाने की मांग की है। दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में स्पष्ट किया कि वह प्रदूषण से निपटने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रही है। वह संपूर्ण लॉकडाउन के लिए भी तैयार है, लेकिन इसका तब तक कोई फायदा नहीं होगा, जब तक कि दिल्ली से सटे यूपी व हरियाणा में भी इसी तरह के प्रतिबंध लागू नहीं किये जाते हैं। देश की राजधानी दिल्ली और एनसीआर के शहरों में दीवाली के बाद से लगातार वायु प्रदूषण को लेकर हालात गंभीर बने हुए हैं। इस बीच दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को अहम सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान दिल्ली में सत्तासान आम आदमी पार्टी सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया है कि बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण वह लाकडाउन लगाने के लिए तैयार है।सोमवार को दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली में पूर्ण तालाबंदी करने के लिए तैयार है। इस दौरान ैब् ने यह सुझाव भी दिया कि अगर पड़ोसी राज्यों के एनसीआर क्षेत्रों में भी लाकडाउन लागू किया जाता है तो यह सार्थक होगा।
इस बाबत गोपाल राय ने बताया कि हमने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दाखिल किया है कि हम दिल्ली में लाकडाउन के लिए भी तैयार हैं, लेकिन ये तभी प्रभावी होगा जब पूरे एनसीआर में लाकडाउन होगा। सरकार प्रदूषण से लड़ने के लिए हर कदम उठाने के लिए तैयार है। वहीं, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दिल्ली और उत्तरी राज्यों में वर्तमान में पराली जलाना प्रदूषण का प्रमुख कारण नहीं है, क्योंकि यह प्रदूषण में केवल 10 फीसद का योगदान देता है। वहीं, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि सफर ने कहा कि प्रदूषण में 48 फीसद तक पराली का योगदान रहा। पिछले 10 दिन में जब गंभीर स्थिति बनी हुई है। इस दौरान पराली के प्रदूषण का क्या योगदान है ये तो केंद्र सरकार ने ही जारी किया है। कोर्ट में वो क्या दे रहे हैं और सार्वजनिक रूप से क्या जारी कर रहे हैं। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को दिल्ली सरकार से कहा था कि गंभीर श्रेणी में पहुंचे वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दो दिनों के लिए लाकडाउन लगाने पर विचार करे। इस पर अरविंद केजरीवाल ने प्रतिक्रिया में कहा था कि लाकडाउन एक बड़ा फैसला होगा। ऐसा कोई भी फैसला लेने से पहले व्यापक विचार-विमर्श किया जाएगा। बहरहाल अरविंद केजरीवाल सरकार लाकडाउन और उसके तौर-तरीकों का मसौदा प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में पेश किया गया। वहीं, सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों को फिर फटकार लगाई है। कोर्ट ने दोनों सरकारों को कहा है कि वे दिल्ली-एनसीआर में जल्द से जल्द वायु प्रदूषण को रोकने के लिए सख्त कदम उठाएं। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से मंगलवार तक जवाब मांगा है।

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