बिना अपराध 26 सालों से बना है हिस्ट्रीशीटर

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कोई नहीं बता पा रहा अपराध, पीड़ित ने आमरण अनशन की दी चेतावनी
कानपुर। तिल का ताड़ और रस्सी का सांप बनाना कोई पुलिस से सीखे। अच्छे भले आदमी को कब अपराधी बना दे और कब बड़े से बड़े अपराधी को सज्जन बना दे, कुछ पता नहीं। पुलिस की इसी कलाबाजी की वजह से भजन कीर्तन मंडली का संचालन करने वाले विनोद कुमार द्विवेदी 26 साल से हिस्ट्रीशीटर का दाग लेकर घूम रहे हैं। वर्तमान में बर्रा में रह रहे विनोद (52) के खिलाफ बगैर किसी अपराध के ककवन थाने में 1995 में हिस्ट्रीशीट खोली गई थी।
तब से वे अपने माथे पर लगे दाग को धुलने के लिए इधर उधर चक्कर लगा रहे हैं। अपना अपराध जानने के लिए उन्होंने अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री तक से शिकायत की है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। अब उन्होंने आमरण अनशन की चेतावनी दी है। बर्रा छह गुंजन विहार में अपने इकलौते बेटे आदित्य व पत्नी मधु के साथ रहने वाले विनोद के अनुसार उनका पैतृक निवास कानपुर देहात के रसूलाबाद थाना क्षेत्र में पड़ने वाले इकघरा (पूर्व में कानपुर के ककवन थाना क्षेत्र में था) गांव है। उनके पिता स्व. गंगाराम द्विवेदी सघन सहकारी समिति के अध्यक्ष थे। 1988 में वे परिवार के साथ बर्रा में रहने आ गए थे। 1995 में उनके घर पर पुलिस ने दबिश दी तो पता चला कि ककवन थाना पुलिस ने उनकी हिस्ट्रीशीट (नंबर 0054) खोली है। खुद के खिलाफ एक भी आपराधिक मुकदमा न होने के चलते उन्होंने पहले इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया।
लेकिन उनके घर पर पुलिस की आवाजाही बढ़ी तो वे परेशान हो गए। लंबे वक्त से बर्रा थाना क्षेत्र में रहने के कारण 2008 में रसूलाबाद थाना पुलिस ने हिस्ट्रीशीट बर्रा थाने में ट्रांसफर कर दी। इसके बाद से पुलिस कभी उनका शांति भंग में चालान कर देती है तो कभी उनकी स्थिति जानने के लिए घर में दबिश दे रही है। उन्होंने बताया कि 1984 में उनकी उम्र करीब 16 वर्ष थी। उस वक्त पास के गांव में डकैती व हत्या हुई थी। पीड़ितों ने उनके पिता, उनके व आधा दर्जन अन्य लोगों के खिलाफ हत्या व डकैती में ककवन थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। हालांकि 1987 में कोर्ट ने सभी को मुकदमे से बरी कर दिया था। इसके आदेश की कॉपी भी वे अधिकारियों को दिखा चुके हैं। इसके बाद भी उनके खिलाफ हिस्ट्रीशीट खोल दी गई। विनोद के अनुसार उन्होंने जन सुनवाई पोर्टल और आरटीआई के तहत भी अपने ऊपर लगे मुकदमों की जानकारी बर्रा, रसूलाबाद और ककवन थानों से मांगी। सभी अधिकारियों ने हर बार सिर्फ गोलमोल जवाब दिया। बर्रा पुलिस रसूलाबाद पुलिस पर और रसूलाबाद पुलिस ककवन पुलिस के पाले में गेंद डालकर अपना पल्ला झाड़ती रही। डीसीपी साउथ रवीना त्यागी ने बताया कि मामले की जांच कराई जाएगी। यदि अभियुक्त के खिलाफ एक भी मुकदमा नहीं है तो हिस्ट्रीशीट बंद की जाएगी।

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