पूर्व सांसद डीपी यादव और पूर्व विधायक विजय यादव समेत छ: के खिलाफ मुकदमा दर्ज

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दस करोड़ रुपये की रंगदारी न देने पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप

मुरादाबाद। सिविल लाइंस थाने में पूर्व सांसद डीपी यादव, पूर्व विधायक विजय यादव समेत छह आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, अपहरण, रंगदारी मांगने समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है। जिसमें आरोप लगाया कि दस करोड़ रुपये की रंगदारी न देने पर जान से मारने की धमकी दी है। पुलिस ने ये कार्रवाई कोर्ट के आदेश पर की है।
मझोला थानाक्षेत्र के इलेविन ऑर्चिड निवासी अनिल तोमर ने कोर्ट की शरण लेते हुए सिविल लाइंस थाने में गाजियाबाद के न्यू राज नगर निवासी पूर्व राज्य सभा सांसद एवं पूर्व विधायक डीपी यादव, ठाकुरद्वारा के सरकाड़ा करीम निवासी एवं ठाकुरद्वारा विधान सभा क्षेत्र के पूर्व विधायक विजय यादव, दिल्ली बसंत विहार निवासी कुनाल यादव, गाजियाबाद के जगदीश नगर निवासी जितेंद्र कुमार उर्फ बिल्लू , गाजियाबाद के राज नगर निवासी भारत सिंह और बुलंदशहर के पुराना रोडवेज निवासी हरिओम शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
जिसमें अनिल तोमर ने बताया कि हरिओम शर्मा ने 2017 तक स्वदेशी कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा प्रायोजित इलेविन ऑर्चिड के कार्यलय में एकाउंटेंट के पद पर काम किया। 2014 में इलेविन बिल्डकोम कंपनी के अलग हो जाने के बावजूद भी चेकबुक से चेक चोरी कर फर्जी हस्ताक्षर कर विभिन्न नामों से आरटीजीएस कराकर धोखाधड़ी की। आरोप है कि आरोपियों ने पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारियों के साथ मिलकर वीरपाल और वादी के फर्जी हस्ताक्षर कराकर जमीन के बैनामे बंधक रखकर ऋण प्राप्त किया गया।
जिसकी जानकारी होने पर वादी ने कार्रवाई शुरू की। आरोप है कि आरोपियों ने धमकी दी कि कार्रवाई वापस नहीं ली तो अंजाम बुरा होगा। अनिल तोमर ने केस में बताया कि 17 अक्तूबर 2021 को शाम करीब साढ़े चार बजे वह सिविल लाइंस क्षेत्र से गुजर रहे थे। कमिश्चर आवास के पास कार सवार हथियार बंद लोगों ने वादी को अगवा कर लिया। आरोप है इसी दौरान विजय यादव ने वीडियो कॉलिंग के जरिये डीपी यादव से बात कराई। आरोप है कि डीपी यादव ने कहा कि तुमने दस करोड़ की मांग पूरी नहीं की है।
दिवाली से पहले रुपये पहुंचा दो, वरना मेरे लोग तुम्हे मार देंगे। मैं भी जेल से बाहर आ गया हूं। आरोप है कि इसके बाद विजय यादव कुछ कागजात पर हस्ताक्षर कराकर चले गए। सिविल लाइंस थाना प्रभारी रविंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज किया गया है। विवेचना में जो भी तथ्य सामने आएंगे। उसी आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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